तमिलनाडु के अवनियापुरम में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता का आगाज हो गया है। अवनियापुरम में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता के दौरान दो पुलिसकर्मी सहित 45 लोग घायल हो गए हैं। जिनमें से 9 लोगों को इलाज के लिए मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में रेफर किया गया है।
Pongal 2024 में जल्लीकट्टू खेल में कई लोग घायल
दरअसल, मदुरै के अवनियापुरम में जल्लीकट्टू प्रतियोगिता शुरु होने से पहले बैलों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इसके बाद जल्लीकट्टू प्रतियोगिता के दौरान कई लोगों को चोटें भी आई। हालाकिं, मदुरै पुलिस ने जल्लीकट्टू प्रतियोगिता के लिए रविवार को स्थानीय लोगों को सचेत किया था कि अगर प्रतियोगिता के अपराधिक गतिविधि के कारण कोई कोई घटना होती है, तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कर्रावाई की जाएगी।
कैसे खेलते है जल्लीकट्टू खेल
यह तमिलनाडु का प्राचीन खेल है, जिसमें सांडो को काबू करने की कोशिश की जाती है। इस खेल की शुरुआत सबसे पहले तीन सांडों को छोड़ने से होती है। ये सांड़ गांव के सबसे बुजुर्ग होते हैं, जिन्हें कोई नहीं पकड़ता क्योंकि इन्हें शान माना जाता है। इन तीनों सांडों के जाने के बाद मुख्य खेल शुरू होता है और बाकी के सांडों के सिंगों में सिक्कों की थैली बांधकर उन्हें भीड़ के बीच छोड़ दिया जाता है। इसके बाद जो व्यक्ति सांड के सींग से सिक्कों की थैली को निश्चित समय में निकाल लेता है उसे विजेता बताया जाता है।
जल्लीकट्टू खेल की खास वजह
इसे मनाने के पीछे वजह बताई जाती है कि पोंगल पर्व फसलों से जुड़ा हुआ होता है और फसल में बैलों का इस्तेमाल काफी होता है, इसलिए उन्हें संरक्षित करने का भाव पैदा करने के लिए इसका आयोजन किया जाता है। इस बुलफाइट का इतिहास 400-100 ईसा पूर्व का है। प्रतियोगियों और बैल दोनों को चोट लगने के जोखिम के कारण पशु अधिकार संगठनों ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। हालांकि, मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में बैलों को वश में करने वाले खेल जल्लीकट्टू को अनुमति देने वाली तमिलनाडु सरकार के कानून को बरकरार रखा था।