डोईवाला में प्रस्तावित टाउनशिप को लेकर सियासत गरमा रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार पर धोखा देने का आरोप लगाया है। किसानों का कहना है कि उन्हें अंधेरे में रख प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
टाउनशिप को लेकर गरमाई सियासत
किसानों का कहना है कि डोईवाला टाउनशिप को लेकर जो प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया उसमें चौंकाने वाली बातें सामने आई है। वह डोईवाला के किसान के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उनका कहना है कि आवास विभाग ने जो ले आउट डोईवाला टाउनशिप का केंद्र को भेजा है उसमें निजी अस्पताल और निजी स्कूल के मालिकों के प्रस्ताव भी साथ-साथ भेजे हैं।
टाउनशिप के प्रस्ताव में निजी अस्पताल स्कूल के प्रस्ताव शामिल
उसमें लिखा गया है कि टाउनशिप बनने पर निजी अस्पताल और स्कूल के मालिक प्रस्तावित टाउनशिप क्षेत्र में स्कूल और अस्पतालों का निर्माण करेंगे। उन्होंने बताया कि जो सरकार बार-बार इस गंभीर मसले पर अपने बयान बदल रही है उसे स्पष्ट करना चाहिए कि आखिरकार निजी अस्पताल मालिकों और निजी स्कूल मालिकों के साथ सरकार का कौन सा भाईचारा है। जिसे वह किसान से छुपा रही है।
टाउनशिप के प्रस्ताव में डोईवाला को राजधानी का सेटेलाइट टाउन के रूप में दर्शाया गया है कि आने वाले समय में राजधानी पर जनसंख्या दवाब रोकने के लिए टाउनशिप जरूरी है। देहरादून हवाई अड्डे के पास ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून के केंद्र में सबसे उपयुक्त स्थल बताया गया है।
भाजपा नेताओं पर लगाए बयान बदलने के आरोप
किसान नेताओं ने कहा कि टाउनशिप की योजना के बारे में शहरी विकास सचिव आनंद वर्धन का बयान शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल का बयान भाजपा के प्रवक्ता खजान दास का बयान अपने आप में सारी कहानी बयां कर रहा है। सरकार शुरू से ही किसानों को बरगलाने का काम कर रही है और अपने बचाव में बार-बार बयान बदल रही है।
किसानों की मांग पहाड़ी जिलों से बना कर भेजें प्रस्ताव
किसान नेताओं का कहना है कि रविवार को जो प्रेस विज्ञप्ति नियोजन विभाग की ओर से जारी की गई उस पर काश्तकार भरोसा नहीं कर सकता। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से मांग की है कि वह ऐसी टाउनशिप का प्रस्ताव पहाड़ के उन नौ जिलों से बना कर भेजें जहां से हमारे लोग मैदान की ओर आ रहे हैं।