बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज बांदा ने उसकी मौत की पुष्टि की है। पूरे यूपी में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं अब अंसारी की मौत पर सियासी बवाल मच गया है। बसपा, आरजेडी , कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक ने यूपी के पूर्व विधायक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। मायावती, तेजस्वी यादव और ओवैसी ने Mukhtar Ansari की मौत को निंदनीय और अफसोसजनक बताया है।
उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी- मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा, मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।
अखिलेश ने सत्ता पर उठाए सवाल
वहीं इस मौत पर सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कई सवाल उठाए हैं। उन्होनं एक्स पर लिखा, हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा: – थाने में बंद रहने के दौरान – जेल के अंदर आपसी झगड़े में – जेल के अंदर बीमार होने पर – न्यायालय ले जाते समय – अस्पताल ले जाते समय – अस्पताल में इलाज के दौरान – झूठी मुठभेड़ दिखाकर – झूठी आत्महत्या दिखाकर – किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
यह उचित और मानवीय नहीं लगता- तेजस्वी
वहीं तेजस्वी यादव ने भी अंसारी की मौत पर दुख जताया है। उन्होनें कहा, यूपी के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मौत का दुखद समाचार मिला। हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। वहीं उन्होनें आगे कहा, कुछ दिन पहले उन्होनें शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है, फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। प्रथम दृष्टया, यह उचित और मानवीय नहीं लगता है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे अजीब मामलों और घटनाओं का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।’
यह निंदनीय और अफसोसजनक है- ओवैसी
इस मामले पर एआईएमआईएम के प्रमुख ओवैसी ने भी दुख जताया। ओवैसी ने Mukhtar Ansari के भाई द्वारा लगाए गए आरोपों पर जोर दिया। उन्होनें कहा, गाजीपुर के लोगों ने अपना पसंदीदा बेटा और भाई खो दिया। मुख्तार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह वाकई निंदनीय और अफसोसजनक है।