रुड़की : जहाँ एक ओर सावन का पवित्र माह शुरू हो चुका है तो वहीं दूसरी ओर शिवभक्त इस सावन के माह में गंगा जल लाने के लिए हरिद्वार का रुख करते हैं लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए राज्य सरकार ने इस साल फिर कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। कावड़ियों को उत्तराखंड में प्रवेश ना देने के लिए , उत्तराखंड की सीमाओं पर पुलिस का पहरा लगा दिया है। चप्पे चप्पे पर उत्तराखंड पुलिस मुस्तैदी के साथ खड़ी है। ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरने वालों पर भी पुलिस नजर बनाए हुए है। पुलिस ने 400 से अधिक वाहनों को वापस लौटाया है जिसके पास आरटीपीसीआऱ निगेटिव रिपोर्ट नहीं थी।
वहीं उत्तराखंड के नारसन बॉर्डर से होकर गुजरने वाले प्रत्येक वाहन की सघन चैकिंग की जा रही है। साथ ही उत्तराखंड में उसी व्यक्ति को प्रवेश दिया जा रहा है, जिसके पास कोरोना की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट होगी। इसी के साथ कावड़ियों को किसी भी सूरत में उत्तराखंड घुसने नही दिया जाएगा। फिलहाल कावड़ियों को रोकना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है ।
सावन के पहले सोमवार को सुबह से ही नारसन बॉर्डर पर यात्रियों की भीड़ जुटने लगी। पुलिस ने हर वाहन की सघन चेकिंग की। साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की कोरोना रिपोर्ट की भी जांच की। रिपोर्ट नहीं होने पर लोगों को बॉर्डर से ही लौटा दिया। नारसन बॉर्डर से शाम सात बजे तक पुलिस ने करीब 300 वाहन लौटाए। वहीं, भगवानपुर के मंडावर और काली नदी चेक पोस्ट पर पुलिस का कड़ा पहरा रहा। यहां से पुलिस ने 126 वाहनों को लौटाया। उधर, कांवड़ मेला अधिकारी हरीश वर्मा ने काली नदी और मंडावर चेक पोस्ट का निरीक्षण किया। उन्होंने सख्ती से चेकिंग करने के निर्देश दिए। इ