प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजनेता, कवि और समाज सुधारक बसवेश्वर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होनें कहा कि उनके विचार और आदर्श मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देते हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर नमन किया
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, “आज बसवा जयंती के पावन अवसर पर, मैं जगद्गुरु बसवेश्वर को नमन करता हूं, जिनके विचार और आदर्श हमें मानवता की सेवा करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने दलितों को सशक्त बनाने और एक मजबूत तथा समृद्ध समाज के निर्माण पर काफी जोर दिया।”
1131 ईसवी में जन्में थे संत बसवेश्वर
संत बसवेश्वर का जन्म 1131 ईसवी में हुआ था। वे बागेवाडी के ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे । हालांकि, उन्होंने कुछ समय बाद अपना घर त्याग दिया और बसवेश्वरा यहां से कुदालसंगम (लिंगायतों का प्रमुख तीर्थ स्थल) पहुंचे, जहां उन्होंने सर्वांगीण शिक्षा हासिल की। बसवेश्वर को समाज की बिगड़ी हुई सामाजिक-आर्थिक दशा की चिंता थी। छुआछूत का व्यापक असर था और लैंगिक भेदभाव वाले समाज में महिलाओं का जीवन नारकीय बना हुआ था।
लिंग और जातिगत भेदभाव के खिलाफ थे बसवेश्वर
बसवेश्वर ने वीरशैव लिंगायत समाज बनाया, जिसमें सभी धर्म के प्राणियों को लिंग धारण कर एक करने की कोशिश की। बसवेश्वर को ‘भक्ति भंडार बसवन्न’, ‘विश्वगुरु बसवण्ण’ और ‘जगज्योति बसवण्ण’ के नाम से भी जाना जाता है। बसवेश्वरा, लिंग और जातिगत भेदभाव के खिलाफ खड़े थे। उन्हें लिंगायत वाद के उदय का मुख्य प्रेरक शक्ति माना जाता है।