थॉमस कप के इतिहास में भारतीय बैडमिंटन टीम पहली बार फाइनल पहुंची और अपनी पहली ही कोशिश में 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया को हराकर कमाल कर दिया। इस सफर में मलेशिया और डेनमार्क जैसी टीम को हराकर फाइनल तक का सफर कोई आसान नहीं था।फाइनल में हारने वाली इंडोनेशिया टूर्नामेंट में अब तक कोई मैच नहीं हारी थी, लेकिन किदांबी श्रीकांत, एसएस प्रणॉय, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी सभी के धांसू खेल ने भारतीय फैंस को गर्व करने का मौका दिया। टीम के लिए विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं लक्ष्य सेन और किदांबी श्रीकांत के अलावा सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की आठवें नंबर की जोड़ी ने यादगार जीत दर्ज की।
इस जीत में अहम भूमिका निभाने वाले उत्तराखंड के लक्ष्य की इस जीत से उत्तराखंड में भी खुशी की लहर है।प्रदेश का नाम लक्ष्य ने रोशन किया है। लक्ष्य की इस जीत के बाद इंटरव्यू लेने वालों का तांता लगा हुआ है। लक्ष्य ने बताया कि जीत के बाद हर जगह से बधाई संदेश आ रहे हैं। सबसे बड़ी खुशी तब मिली जब प्रधानमंत्री ने टीम से और उनसे बात की। रविवार शाम को प्रधानमंत्री ने उनसे फोन पर बात करते हुए कहा तुम्हारी तीनों पीढ़ियां बैडमिंटन में हैं। तुम्हारे दादा, पिता और तुम। अरे भाई बाल मिठाई खिलानी पड़ेगी।
लक्ष्य ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। टीम के लिए पहला सिंगल खेला और टीम को जीत दिलाना खुशी का पल रहा। इस जीत से भारतीय बैडमिंटन बहुत ऊपर जाएगी। टीम ने एक दूसरे को काफी सपोर्ट किया। पिता डीके सेन ने कोच के तौर पर काफी हेल्प की। टीम में 10 खिलाड़ी, छह कोच समेत स्पोर्ट स्टाफ की और देश की जीत है। यह माइल स्टोन है।