यूपी कानपुर में त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पीयूष जैन को रविवार रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जीएसटी सतर्कता महानिदेशालय की टीम द्वारा इत्र कारोबारी के कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों से 257 करोड़ रूपये की नगदी और आभूषण बरामद किए हैं और इसके बाद यह कार्रवाई की गयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार छापेमारी के बाद से चल रही नोटों की गिनती और जांच के बाद रविवार रात पीयूष जैन कानपुर में जूही इलाके के आनंदपुरी स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया है। वहीं पीयूष के दोनों बेेटों को अभी भी हिरासत में रखा गया है। पुलिस आज उसे अदालत में पेश करेगी जहां से उसे पूछताछ के लिये रिमांड में देने का अनुरोध किया जायेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कारोबारी के पास से चाबियों का एक गुच्छा मिला है जिसमें अभी भी कई चाबियों के तालों का पता नहीं चल सका है। जांच अधिकारियों को आशंका है कि कारोबारी के पास अभी भी अवैध संपत्ति के भंडार हो सकते है।
250 किलो चांदी और 25 किलो की सोने की सिल्लियां बरामद
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को कानपुर और कन्नौज स्थित कारोबारी के ठिकानो से अब तक 257 करोड़ रूपये की नगदी और जेवरात मिल चुके है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी इंटेलीजेंस टीम को कारोबारी के कन्नौज स्थित पैतृक आवास पर तहखाने में 250 किलो चांदी और 25 किलो की सोने की सिल्लियां बरामद हुई हैं। साथ ही नोटों से भरे आठ से नौ बोरे भी मिले हैं l जिनमें 103 करोड़ रुपये होने की बात कही जा रही है हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुयी है।
इससे पहले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर में जूही क्षेत्र स्थित आवास पर जीएसटी की विजलेंस टीम को 185 पर करोड़ों रुपये नकदी बरामद हुयी थी जिसके बाद जांच टीम कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ला स्थित पीयूष जैन के पैतृक आवास पहुंची थी, जहां बीते तीन दिन से जीएसटी विजलेंस टीम इत्र कारोबारी के मकान के अलग-अलग हिस्सों, दफ्तर व कारखाने में छानबीन करने में जुटी है।
पीयूष जैन के दो अन्य मकानों का ताला तोड़कर भी अफसर जांच पड़ताल में जुटे हैं। सूत्रों के मुताबिक अब तक टीम कानपुर और कन्नौज से चांदी और सोने के खजाने के अलावा 250 करोड़ रूपये से अधिक की नकदी बरामद कर चुकी है। विजलेंस टीम के 36 अफसर जांच में जुटे हैं। मकान के अंदर अलमारियों, लॉकर्स को तोड़कर जांच टीम ने नकदी बरामद की है। छापेमारी के दौरान जांच टीम को कुछ डायरी और बिल भी मिले हैं. इनमें कई कंपनियों से कच्चा माल खरीदने और बेचने का जिक्र है। जीएसटी विजलेंस टीम अब इन कंपनियों से संपर्क कर बिल और डायरी में दर्ज जानकारी की तस्दीक करेगी।