Manipur latest news: मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बुधवार को जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो सरकार से लेकर आम जनता तक के होश उड़ गए। किसी को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ। अब इस मामले में पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है।
मणिपुर हिंसा में एक आरोपित गिरफ्तार
Manipur Violence पुलिस ने गुरुवार को मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया। इन आरोपियों को चार मई को सेनापति जिले के एक गांव में भीड़ द्वारा दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ छेड़छाड़ करने के वीडियो में देखा गया था। घटना का वीडियो सामने आने के बाद तुरंत पुलिस की अलग का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू की।
बताया जा रहा है कि ये वीडियो चार मई का है। वहीं पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मणिपुर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि अन्य आरोपितों की तलाश जारी है। जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जानें मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा ? Manipur Violence Reason
मणिपुर की राजधानी इम्फाल बिल्कुल बीच में है। ये पूरे मणिपुर का 10 प्रतिशत हिस्सा है। जिसमे प्रदेश की 57 प्रतिशत आबादी रहती है। बाकी चारों तरफ 90 प्रतिशत हिस्से मे पहाड़ी इलाके हैं, जहां प्रदेश की 43 प्रतिशत आबादी रहती है। इम्फाल घाटी वाले इलाके में मैतेई समुदाय का आबादी ज्यादा है। ये ज्यादातार हिंदू होते है। मणिपुर की कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी करीब करीब 53 प्रतिशत है।
दूसरी ओर पहाड़ी इलाकों में 33 मान्यता प्राप्त जनजातियां मुख्य रूप से ईसाई हैं। बताते चले कि मणिपुर का पहाड़ी जनजातियों को विशेष दर्जा और सुविधाएं मिली हुई है, जो मैतेई समुदाय को नही मिलती। ‘लैंड रिफॉर्म एक्ट’ के कारण मैतेई समुदाय पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीदकर बस नहीं सकता। जबकि जनजातियों पर पहाड़ी इलाके से घाटी में आकर बसने पर कोई रोक नहीं है। यही वजह है कि दोनों समुदायों में मतभेद बढ़ा हुआ है।
जानें कब हुई हिंसा की शुरूआत
दरअसल इसकी शुरुआत मणिपुर के चुराचंदपुर से हुई। ये राजधानी इम्फाल के दक्षिण में करीब 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जिले में कुकी आदिवासी ज्यादा है। गवर्नमेंट लैंड सर्वे के विरोध में 28 अप्रैल को द इंडिजेनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चुराचंदपुर में 8 घंटे बंद का ऐलान किया था। और देखते ही देखते इस बंद ने हिंसक रूप ले लिया।