पिथौरागढ़: उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी सियासी घमासान जोरों पर है। जिले की डीडीहाट सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार भी भाजपा, कांग्रेस हमेशा की तरह मैदान में हैं। लेकिन, भाजपा के एक बागी ने भी निर्दलीय ताल ठोकी है। हालांकि, पिछली बार भी इस सीट पर तीन मजबूत दावेदार थे। तब भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो यहां भाजपा ही परचम लहराती आई है। सवाल यही है कि क्या इस बार पुराना रिकॉर्ड कायम रहेगा या फिर नया रिकॉर्ड बनेगा।
14 फरवरी को मतदान होना है। केवल 6 दिन का समय बचा है। ऐसे में सियासी दल समेत उम्मीदवार भी चुनावी प्रचार में पूरा जोर लगाए हुए हैं। 2022 की बिसात में महामारी के चलते इस बार का इलेक्शन काफी अलग है। वर्चुअली प्रचार के साथ प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार के लिए पगडंडियों की दूरियों को नाप रहे हैं। वक्त कम और जनता की चौखट पर जाने के लिए प्रत्याशियों के पास ज्यादा वक्त अब नहीं है। खासकर पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के बीच चुनावी प्रचार चल रहा है।
2022 की बिसात में पिथौरागढ़ ज़िले के डीडीहाट विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर सियासी समीकरण बनने और बिगड़ने लगे हैं। डीडीहाट पर एक बार फिर 2017 के विधानसभा चुनाव का त्रिकोणीय मुकाबला दोहराया जा रहा है। 87 हज़ार 179 वोटर्स वाली इस विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बिशन सिंह चुफाल चुनाव लड़ रहे हैं, तो कांग्रेस की तरफ से प्रदीप लाल को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी के बागी किशन भंडारी ने निर्दलीय मैदान में उतरकर मुकाबले को रोमाचंक कर दिया है।
खास बात ये है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी ये तीन ही प्रत्याशी एक दूसरे के सामने थे और इस बार भी ऐसा ही है। हालांकि इस चुनाव में जीत भाजपा के प्रत्याशी बिशन सिंह चुफाल के हाथ लगी थी। डीडीहाट क्षेत्र में सड़कों को लेकर कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी ने यहां कई बार आन्दोलन किया है। 10 मार्च को परिणाम के बाद ही यह पता चल पाएगा कि जीत का सेहरा किसके सिर बंधा। फिलहाल मुकाबला काफी रोचक नजर आ रहा है।