सोमवार को अयोध्या में संपन्न हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर 57 मुस्लिम देशों के संगठन ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। OIC ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस्लामिक स्थल को ध्वस्त कर बनाई गई इस मंदिर की हम निंदा करते हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का बयान
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बाबरी मस्जिद विध्वंस की जगह पर राम मंदिर के उद्घाटन की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि उन्मादी भीड़ ने छह दिसंबर 1992 को सदियों पुरानी मस्जिद को धवस्त कर दिया था। ये निंदनीय है कि ना सिर्फ भारत की सबसे बड़ी अदालत ने इस घटना के जिम्मेदार लोगों को बरी किया बल्कि उसी जगह पर राम मंदिर निर्माण की मंजूरी भी दी।
OIC की प्रतिक्रिया
वहीं महासचिव हिसने ब्राहिम ताहा के हवाले से इस्लामिक संगठन ने कहा है, ओआईसी के महासचिव ने भारत के अयोध्या में पहले बनी बाबरी मस्जिद तो ध्वस्त कर हाल ही में बनी राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। पिछले सत्रों के दौरान विदेश मंत्रियों की परिषद में लिए गए फैसले के अनुरूप ओआईसी जनरल सचिवालय इन कदमों की निंदा करता है। इसका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे इस्लामिक स्थलों को नष्ट करना है। बाबरी मस्जिद पिछले 500 सालों से उसी जगह पर खड़ी थी।
क्या है OIC?
चार महाद्वीपों के 57 देशों वाला यह संगठन करीब 1.5 अरब की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है और इसके सदस्य देशों की कुल जीडीपी करीब 77 ट्रिलियन डॉलर है। OIC संयुक्त राष्ट्र के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटर गवर्नमेंटल ग्रुप है। इसका हेडक्वार्टर सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में है। इसका उद्देश्य अतंरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाते हुए मुसलमानों की सुरक्षा करना है। हालांकि तीसरी सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होने बावजूद भी भारत इसका सदस्य नहीं है।