नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद पंचायतों का दौर शुरू हो गया. पंचायतों का मुख्य उद्देश्य आंदोलन को धार देना है. किसान पूरी मजबूती से एक बार फिर दिल्ली पहुंच रहे हैं. वहीं दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को प्रदेश में घुसने से रोकने के लिए तैयारियां और तेज और इंतजाम पुख्ता कर दिए हैं. गाजीपुर बॉर्डर को किले में तब्दील कर दिया गया है.
किसानों के बढ़ते संख्या बल को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर रातोरात 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. इसके साथ ही नुकीले तार भी लगाए गए हैं. एनएच 24 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. नोएडा सेक्टर 62 से अक्षरधाम जाने वाले रास्ते को भी पूरी तरह बंद किया गया है.
कृषि कानून के खिलाफ रविवार को 65वें दिन भी दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. किसानों ने यहां पर टेंट लगा रखे हैं. रविवार सुबह दिल्ली में मौसम साफ है. आसमान में धूप खिली है. आंदोलन के दौरान सभी किसान और उनके नेता सुबह-सुबह चाय की चुस्की लेते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस की तैयारी भी बेहद सख्त दिख रही है. बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है, इसके साथ ही उसेक ऊपर नुकीले तार भी लगाए गए हैं. जिससे कि किसानों को दिल्ली के अंदर दाखिल होने से रोका जा सके.
दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद किसान आंदोलन को धार देने के लिए पंचायतों का दौर शुरू हो गया है. पिछले दिनों जहां उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत हुई, तो वहीं आंदोलन की नई रणनीति तय करने के लिये अब किसान नेताओं ने यूपी और हरियाणा में किसान महापंचायत करने का ऐलान किया है.