देहरादून में ट्रैफिक व्यवस्था की सुधार के लिए देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने सभी सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्य योजना बनाये जाने की बात कही, जिसके परिप्रेक्ष्य में आज 16 सितंबर को एसएसपी की अध्यक्षता में पुलिस कार्यालय स्थित सभागार में नगर निगम, एमडीडीए, लोक निर्माण विभाग और देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के पदाधिकारियो के साथ देहरादून की यातायात व्यवस्था और ट्रैफिक लाइट्स के संचालन के सम्बन्ध में गोष्ठी आयोजित की गयी। गोष्ठी के दौरान एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने उपस्थित अधिकारियों से यातायात व्यवस्था में प्रभावी सुधार के लिए निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की-
01: जनपद देहरादून के नगर क्षेत्र में विभिन्न चौराहों पर लगी कई ट्रैफिक लाइटें वर्तमान में खराब हो चुकी हैं, जिनके कारण यातायात संचालन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। उक्त खराब ट्रैफिक लाइटों को 10 दिवस के अन्दर उक्त स्थानों से हटाने हेतु इस सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी की जायेगी। यदि किसी भी कार्यदायी संस्था द्वारा उक्त खराब लाइटों पर अपना दावा प्रस्तुत नहीं किया जाता तो इस स्थिति में 6 माह के अन्दर उन्हें नीलाम कर दिया जायेगा।
02: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत सभी चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगाई गयी हैं लेकिन कुछ चौराहों पर उनका संचालन शुरू नहीं हो पाया है। ऐसी ट्रैफिक लाइटों को यथासम्भव 01 सप्ताह के अन्दर सुचारू किया जायेगा तथा ऐसे स्थानों पर जहा ट्रैफिक लाइटों की सहायता से यातायात का संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है, उक्त स्थानों से पुलिस बल को कम करते हुए यातायात के अधिक दबाव वाले क्षेत्रों में नियुक्त किया जायेगा।
03: पुलिस अधीक्षक यातायात सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए सभी चौराहों पर लगी ट्रैफिक लाइटों में सामंजस्य रखते हुए यातायात का सुचारू संचालन करवाना सुनिश्चित करेंगे। सभी ट्रैफिक लाइटों के सुचारू रूप से संचालित होने के उपरान्त ही मुख्य मार्गों पर यातायात के दबाव की सही स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त हो पायेगी।
04: यातायात के अत्यधिक दबाव वाले क्षेत्रों में जाम की स्थिति से निपटने तथा यातायात के सुचारू संचालन हेतु देहरादून पुलिस, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अन्तर्गत कार्यरत ट्रैफिक एक्सपर्ट की भी सहायता लेगी। साथ ही मुख्य मार्गों पर जिन स्थानों पर गड्ढों आदि के कारण यातायात संचालन में बाधा उत्पन्न हो रही है तथा दुर्घटना की सम्भावना बनी रहती है. ऐसे स्थानों पर पीडब्ल्यूडी की सहायता से मार्गो को दुरूस्त किया जायेगा। इस दौरान पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा वर्तमान में हरिद्वार बाईपास रोड पर बने गड्ढों को भरने का कार्य किया जा रहा है तथा जल्द ही अन्य स्थानो पर भी उक्त कार्यो को शुरू किया जायेगा।
05: नगर क्षेत्र के ऐसे सभी चौराहों पर जहां जेब्रा क्रासिंग तथा यातायात सम्बन्धी अन्य यातायात चिन्ह नहीं बने हैं, वहां जल्द ही पी0डब्लू0डी0 द्वारा उन्हें बनाया जायेगा तथा हरिद्वार बाईपास रोड पर यातायात संचालन हेतु सीमेंटेड डिवाइडर लगाये जायेंगे, जिससे कि आने-जाने वाला यातायात अपनी ही लेन में चले।
06: मुख्य मार्गों पर कई स्थानों पर सडकों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइटें पेडों या किसी अन्य चीजों से ढक गयी हैं, जिससे सडकों पर पर्याप्त प्रकाश न होने के कारण ऐसे स्थानों पर बने गड्ढों से दुर्घटना होने की सम्भावना बनी रहती है। ऐसे स्थानों पर नगर निगम द्वारा वन-विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए पेडों की लापिंग (छंटाई) करायी जायेगी, जिससे किसी प्रकार की दुर्घटना घटित न हो।
इसके अतिरिक्त एसएसपी ने पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक को निर्देशित किया गया कि गोष्ठी के दौरान जिन बिन्दुओं पर आपसी सहमति बनी है, उनके सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों से निरन्तर समन्वय स्थापित करते हुए 10 दिन के अन्दर आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में 25 सितंबर को पुन: गोष्ठी आयोजित कर उसमे हुए सुधार की समीक्षा की जायेगी।
उक्त गोष्ठी के दौरान सरिता डोभाल पुलिस अधीक्षक नगर, स्वप्न किशोर सिंह, पुलिस अधीक्षक यातायात, राम उनियाल, आनन्द छिब्बर और आवेश सिद्धू, डीजीएम (आईटी), विवेक पाटिल, प्रोजेक्ट इन्जीनियर (देहरादून स्मार्ट सिटी), पी. सेमवाल, सहायक अभियन्ता (एमडीडीए), डी. एस. चौधरी कनिष्ठ अभियन्ता (एमडीडीए), गिरीश बडथ्वाल, सहायक अभियन्ता (पीडब्ल्यूडी) तऔर ओमप्रकाश जयसवाल एडीशनल क्लर्क (एमडीडीए) व अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।