उत्तराखंड के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर नया आदेश जारी हुआ है। अब शिक्षकों को स्कूल के आठ किमी के दायरे में ही रहना पड़ेगा।
शिक्षक पूरी क्षमता के साथ अध्यापन नहीं करा पाते
उत्तराखंड के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों को लेकर कई अभिभावकों की कई शिकायत रहती है। उनमें से एक शिकायत ये है कि उनके बच्चों को पढ़ाने के लिए जो शिक्षक स्कूलों में आते हैं वो कई बार तो समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं। ना ही शिक्षक पूरी क्षमता के साथ अध्यापन नहीं करा पाते हैं। क्योंकि शिक्षक लंबा सफर तय कर स्कूल पहुंचते हैं।
स्कूल के आठ किमी के दायरे में शिक्षकों करना पड़ेगा निवास
इसी तरह का मामला जौनपुर विकास खंड के टिहरी गढ़वाल से सामने आया है। यहां पर जब ये मामला उठा तो जौनपुर टिहरी गढ़वाल के खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा इस पर कार्रवाई करते हुए फैसला लिया गया है।
इस फैसले के मुताबिक शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए स्कूल से आठ किलोमीटर के अंतर्गत ही रहना पड़ेगा। इसके आदेश जारी करने के साथ ही इस संबंध में प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
अभिभावकों ने उठाया था ये मुद्दा
दरअसल 21 जुलाई को क्षेत्र पंचायत समिति यानी कि बीटीसी की बैठक में अरविंद सकलानी ग्राम प्रधान पंचायत पुजार गांव एवं अन्य प्रधान गणों के द्वारा ये मुद्दा उठाया गया था। जिसमें प्रश्न उठाया गया कि विकासखंड के अधिकांश विद्यालयों में अध्यापक कर्मचारी देहरादून से आवागमन करते हैं।
इतनी दूर से आवागमन के कारण अध्यापक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते हैं। इसके साथ ही कहा गया कि शिक्षक पूर्ण क्षमता के साथ अध्यापन नहीं करा पाते। जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।
इनपुट – मनीष डंगवाल