कैलाश यात्रा के लिए चीन से होकर जाना पड़ता है। लेकिन चीन के अनुमति ना देने के कारण पिछले कुछ सालों से कैलाश यात्रा बंद है। लेकिन अब भारत की देवभूमि उत्तराखंड से ही कैलाश के दर्शन होंगे। जिसके लिए नया रूट तैयार किया जा रहा है।
अब चीन से नहीं उत्तराखंड से होंगे कैलाश दर्शन
कैलाश को भागवान शिव का निवास स्थल माना जाता है। जिसके दर्शनों के लिए लोग कैलाश पर्वत जाते हैं। लेकिन इसके लिए चीन से होकर जाना पड़ता था। लेकिन अब उत्तराखंड से कैलाश दर्शन होंगे। पिथौरागढ़ के ओल्ड लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर दर्शन कराने की कोशिश शुरू हो गई है।
अक्टूबर से खुल जाएगा रूट
कैलाश दर्शन के लिए चुनपानी से ओल्ड लिपुलेख तक पैदल मार्ग का निर्माण शुरू हो गया है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ से ही कैलाश मानसरोवर के दर्शन होंगे। इसके लिए जल्द ही व्यू प्वाइंट भी बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि मध्य अक्टूबर में इस रूट को खोल दिया जाएगा। जिसके बाद देवभूमि उत्तराखंड से ही हिंदुओं के सबसे बड़े तीर्थ के दर्शन होने लगेंगे।
डेढ़ किमी पैदल चल होंगे कैलाश दर्शन
ओल्ड लिपुलेख से कैलास दर्शन के लिए भक्तों को केवल डेढ़ किमी की पैदल दूरी तय करनी होगी। देश के किसी भी क्षेत्र से पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख मार्ग पर चुनपानी तक पहुंचा जा सकता है। यहां से डेढ़ किमी की पैदल दूरी तय कर कैलाश के दर्शन होंगे। यानी कि अब बिना वीजा, पासपोर्ट और चीन की अनुमति के ही कैलाश के दर्शन होंगे।
तीन साल से बंद है कैलाश पर्वत और मानसरोवर यात्रा
कैलाश पर्वत के दर्शनों के साथ ही मानसरोवर यात्रा के लिए भारत के यात्रियों को चीन पर निर्भर रहना पड़ता है। पिछले तीन साल से चीन ने कैलाश पर्वत के दर्शन और मानसरोवर की यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी है। जिसके कारण से तीन साल से कैलाश पर्वत के दर्शन और मानसरोवर की यात्रा बंद है।