प्रदेश में अब जंगलों की आग से छुटकारा पाने में आसानी होगी। आग को बुझाने के लिए अब उत्तराखंड में एनडीआरएफ काम करेगी। वनों की आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ को मोर्चे पर उतारा जाएगा। जिसके लिए 50 जवानों को दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
प्रदेश में जगंलों की आग से निपटने में अब होगी आसानी
उत्तराखंड में अब जंगलों की आग से निपटने में आसानी होगी। वनों की आग बुझाने के लिए एनडीआरएफ को मोर्चे पर उतारा जाएगा। केंद्र सरकार ने तीन राज्यों में वनाग्नि को आपदा के श्रेणी में रखा है। इन तीन राज्यों में उत्तराखंड के अलावा आंध्रप्रदेश और असम को इसमें शामिल किया गया है। जंगलो की आग से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की तीन तीन टुकड़ियों को लगाया है।
उत्तराखंड में एनडीआरफ की 15वीं बटालियन करेगी काम
उत्तराखंड में एनडीआरएफ की 15 वीं बटालियन काम करेगी। जबकि अन्य दो राज्यों में एनडीआरएफ की पहली बटालियन आंध्रप्रदेश और 10वीं बटालियन असम में काम करेगी। किसी भी बड़ी आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के पास कुशल प्रबंधन तंत्र और जवान मौजूद हैं। लेकिन एनडीआरएफ के पास वनाग्नि की चुनौती से निपटने का अनुभव नहीं था। इसके लिए जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा में 50 जवानों को दिया गया प्रशिक्षण
उत्तराखंड में केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा देहरादून में 50 जवानों को छह से 18 फरवरी के बीच दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ट्रेनिंग ले चुके जवान दूसरे जवानों को भी वनाग्नि से निपटने के गुर सिखाएंगे। एनडीआरएफ के जवानों को सीएएसएफओएस की ओर से मसूरी और नरेंद्रनगर वन प्रभाग में सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के दौरान जवानों को जंगल की आग बुझाने के तरीकों के बारे में बताया गया। जंगल की आग बुझाने में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों के बारे में बताया गया। इसके साथ ही मॉक ड्रिल भी की गई।