आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी सभी ने सुनी होंगी। पक्षी और इंसान के बीच का यह प्यार देख हर किसी का दिल खुश हो गया था। इस दोस्ती के चर्चाओं में आने के बाद सरकार ने वन्य जीव नियमों के अनुसार सारस को आरिफ के पास से लेकर कानपुर के चिड़ियाघर में भेज दिया था। ऐसे में आरिफ उससे मिलने समय- समय पर जाते हैं। आरिफ को देखकर सारस पिंजरे में खुशी से उड़ने लगता है। ऐसे में अब आरिफ सारस को जू से आजाद कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनउ खंडपीठ में जाएंगे।
सारस को आजाद किया जाए
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार आरिफ ने कहा कि वह जल्द ही लखनउ हाईकोर्ट में जाएंगे। कोर्ट से वे दो गुहार लगाएंगे। पहली यह की सारस को आजाद किया जाए। आरिफ का कहना है कि बाकी पक्षियो से उलट उसका जीवन आजाद रहा है। पिंजरे में बंद होने के बाद वह सामान्य नहीं रह गया है। उसका दम घुटता है। ऐसे में सारस को आजाद किया जाए।
दोस्त से मिलने दिया जाए
वहीं आरिफ की दूसरी मांग यह है कि जब तक उसे आजाद नहीं किया जा सकता है, मुझे उससे मिलने से ना रोका जाए। जब दूसरे व्यक्ति उससे मिल सकते हैं तो मैं भी मिल सकता हूं। कोर्ट एक सामान्य नागरिक की तरह मुझे भी उससे मिलने का अधिकार दिलवाए।
सारस से नहीं मिलने दिया आरिफ को
आरिफ ने बताया कि सारस से उसकी करीब बारह दिन पहले मुलाकात हुई थी। उनको देखकर सारस काफी खुश हुआ था और हवा में उड़ने की कोशिश करने लगा था। लेकिन जब मैं बीते बुधवार सारस से मिलने गया तो मुझे रोक दिया गया। आरिफ ने कहा कि इसी घटना के बाद हमने यह किया कि वह सारस से मिलने और उसे आजाद करवाने के लिए हाईकोर्ट की चौखट पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि कोर्ट उनका पक्ष समझेगा।