कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क, दो गज की दूरी और स्वच्छता तो जरूरी है ही, घर भी हवादार होना चाहिए। अगर घर में वेंटिलेशन की बेहतर व्यवस्था होगी तो वहां वायरस टिक ही नहीं पाएगा। इस महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय से जारी नई गाइडलाइंस में इस पर खासा जोर दिया गया है। इसमें वेंटिलेशन के उपाय सुझाने के साथ-साथ नए भवनों की डिजाइन भी उसी के अनुरूप बनाने की सलाह दी गई है।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति की लार और नाक से निकलने वाला स्राव वायु अभिण (ऐरोसोल) और बूंदों के रूप में एक से दूसरे को संक्रमित कर सकता है। इसके बारीक कण हवा के जरिये दूर तक जाते हैं। अगर घर या दफ्तर में पर्याप्त वेंटिलेशन न हो तो ये बूंदें और अभिकण वहीं एकत्रित होने लगते हैं, जिससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इसके विपरीत खुले स्थानों में संक्रमण फैलने के आसार बहुत कम होते हैं, क्योंकि वायरस के कण जल्द ही हवा में फैल जाते हैं।
- जालीदार खिड़कियां अवश्य हों। एग्जॉस्ट फैन भी लगा रहे तो और बेहतर.
- दफ्तरों, सभागारों और शॉपिंग मॉल इत्यादि, जहां वायु प्रवाह के माध्यम सीमित होते हैं, वहां उनकी छतों पर फिल्टर लगाकर वेंटिलेशन की कारगर व्यवस्था की जानी चाहिए.
- जहां तक संभव हो, बसों और टे्रनों में खिड़कियां खुली रखी जाएं। वायु प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए एग्जॉस्ट फैन लगे हों और एसी में फिल्टर लगाया जाए.
- नए भवनों की डिजाइन भी वेंटिलेशन की कारगर व्यवस्था रखते हुए ही तैयार की जाए.
- भवन में अंदर की हवा बाहर जाने और बाहर की हवा अंदर आने की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए.