एक जुलाई 2024 का दिन भारत की न्याय व्यवस्था में एक ऐतिहासिक दिन के तौर पर जुड़ गया है। एक जुलाई 2024 से भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। इसमें भारतीय न्याय संहिता या बीएनएस, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं। ये कानून ब्रिटिश काल के इंडियन पीनल कोड (IPC), कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे। यानी अब देश में IPC की जगह BNS की धाराएं लागू हो गईं हैं। इनमें सजा से लेकर जुर्माना तक बदला गया है।
ये तीन नए कानून हुए लागू
IPC की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS)
इंडियन एविडेंस् की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (BSS)
(CRPC) की जगह और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, (BNSS) 2023
12 दिसंबर, 2023 को हुआ था बदलाव
बता दें कि 12 दिसंबर, 2023 को इन तीन कानूनों में बदलाव का बिल लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 20 दिसंबर, 2023 को लोकसभा और 21 दिसंबर, 2023 को राज्यसभा से ये पारित हुए। 25 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रपति ने तीनों विधेयकों को अपनी मंजूरी दी। वहीं 24 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि तीन नए आपराधिक कानून इस साल 1 जुलाई से लागू होंगे। और 1 जुलाई से ये कानून लागू हो गए हैं।
आम लोगों को होंगे ये फायदे
- इन नए कानूनों को तकनीक से जोड़ा गया है। सरकार का दावा है कि इससे कई फायदें होगें।
- आम लोगों को छोटी से छोटी शिकायत दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगाने या पुलिस को रिश्वत दोने की दिकक्त खत्म हो जाएगी।
- हत्या, लूट, दुष्कर्म की भी ऑनलाइन एफआईआर दर्ज हो जाएगी।
- एक जिले में हुए अपराध की जीरो एफआईआर दूसरे जिले में कराई जा सकेगी।
- थाना क्षेत्र का हवाला देकर पुलिस लोगों को नहीं टालेगी।
- केज दर्ज कराने के बाद जांच से लेकर आगे की कार्रवाई तक की सूचना मोबाइल पर एसएमएस के जरिए फरियादी को दी जाएगी।
कानून में जरुरी मुद्दा है आतंकवाद
इसी के साथ नए कानून में एक अहम मुद्दा आतंकवाद का भी है। इसके तहत जो भी भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता, सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते है तो उसे आतंकवाद की कैटेगरी में रखा जाएगा।
क्या-क्या आतंकवाद की श्रेणी में आएगा?
- देश के बाहर भारत की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना आतंकवादी कृत्य माना जाएगा।
- नकली नोट या सिक्कों को चलाना या उनकी तस्करी करना आतंकवाद की कैटेगरी में आएगा।
- नए कानून में बम विस्फोट को तो आतंकवाद माना ही जाएगा बल्कि बॉयोलॉजिकल रेडिया एक्टिव, न्यूक्लियर या किसी भी खतरनाक तरीके से हमला पहुंचाना भी आतंकवाद की श्रेणी में आएगा।
- यदि किसी की संपत्ति को आतंकी गतिविधियों के जरिए हासिल किया गया है, और वह इसके बावजूद उस पर अपना कब्जा रखता है तो वह भी आतंकी घटना होगी।
- भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी विदेशी सरकार को प्रभावित करने के लिए किसी व्यक्ति का अपहरण करना या उसे हिरासत में रखना आतंकवाद माना जाएगा।
20 नए अपराध जोड़े गए
नए कानून संहिता के तहत धाराओं की संख्या 511 से घटकर 358 की गई है। इसके तहत 20 नए अपराध जोड़े गए हैं। कई अपराधों में न्यूनतन सजा का प्रावधान है। साथ ही छोटे छोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान किया गया है। वहीं कई अपराधों के लिए जुर्माना भी बढ़ाया गया है और सजा की अवधि में भी इजाफा किया गया है।
- हत्या : पहले IPC धारा 302, अब BNS की धारा 103
- हत्या का प्रयास: पहले IPC धारा 307, अब BNS की धारा 109
- गैर इरादतन हत्या: पहले IPC धारा 304, अब BNS की धारा 105
- दहेज हत्या: पहले IPC धारा 304 बी, अब BNS की धारा 80
- चोरी: पहले IPC धारा 379, अब BNS की धारा 303
- दुष्कर्म: पहले IPC धारा 376, अब BNS की धारा 64
- छेड़छाड़: पहले IPC धारा 354 , अब BNS की धारा 74
- धोखाधड़ी: पहले IPC धारा 420, अब BNS की धारा 318
- लापरवाही: से मौत पहले IPC धारा 304 ए, अब BNS की धारा 106
- देश के खिलाफ युद्ध: पहले IPC धारा 121, 121 ए, अब BNS की धारा 147, 148
- मानहानि: पहले IPC धारा 499,500 अब BNS की धारा 356
- लूट: पहले IPC धारा 392, अब धारा BNS 309
- डकैती: पहले IPC धारा 395, अब धारा BNS 310
- पति द्वारा क्रूरता की शिकार महिलाएं:– पहले IPC धारा 498ए, अब धारा BNS 85
पहला मुकदमा दिल्ली में दर्ज
इन नए कानूनों के लागू होने के साथ ही इनके तहत मुकदमे भी दर्ज होने लगे हैं। देश में इन कानूनों के तहत पहला मुकदमा दिल्ली में एक रेहड़ी वाले के खिलाफ दर्ज किया गया। सरकार का दावा है कि इससे न्याय व्यवस्था में व्यापक सुधार होगा। भ्रष्टाचार में कमी आएगी वहीं लोगों को न्याय जल्दी मिल सकेगा। अदालतों में मुकदमों का बोझ कम होगा और शिकायतें आसानी से दर्ज कराईं जा सकेंगी।