वन एवं पर्यावरण मंत्रालय एक बार फिर चीतों की नई खेप लाने की तैयारियां कर रहा है। जिसके तहत नवंबर-दिसंबर तक करीब 10 से 12 चीते लाए जाने हैं। जिसे लेकर दक्षिण अफ्रीका के साथ चर्चा शुरू हो गई है।
हर साल दक्षिण अफ्रीका से आएंगे 12 चीते
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के साथ हुए करार के तहत वह अगले दस सालों तक भारत को हर साल करीब 12 चीते देगा। इनमें नर और मादा दोनों ही चीते शामिल होंगे। चीता प्रोजेक्ट के तहत इस साल के अंत तक आने वाले चीतों की इस नई खेप को भी मध्य प्रदेश में ही रखा जाएगा। जिसके लिए मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य को तैयार किया जा रहा है।
चीते का 25 साल का है प्रोजेक्ट
प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की मानें तो चीतों की मौत काफी दुखद है। लेकिन कार्ययोजना में पहले से ऐसी मौतों का अनुमान था। हालांकि, यह प्रोजेक्ट 25 साल का है। ऐसे में शुरूआत के 15 साल तक चीतों की मौत को लेकर उतार-चढ़ाव की ऐसी स्थितियां बनी रहेंगी। बता दें कि भारत में जन्में चीता के चार शावकों में से एक मादा शावक का यहां की जलवायु में तेजी से बढ़ने को चीता प्रोजेक्ट की एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।