पेरिस ओलंपिक 2024 में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल(Neeraj Chopra wins Silver Medal) अपने नाम किया है। टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज अपना मेडल डिफेंड नहीं कर पाए। बता दें कि नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार थे। लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम (Arshad Nadeem)ने गोल्ड मेडल जीतने के साथ-साथ ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़कर सभी को चौंका दिया। नीरज ने मेडल जीतकर देश को इस ओलंपिक में पहला सिल्वर मेडल दिया है। ऐसे में भारत की पेरिस ओलंपिक में मेडल टैली पांच हो गई है।
नीरज चोपड़ा के हाथ लगा सिल्वर (Neeraj Chopra Wins Silver )
नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में सिल्वर मेडल (Neeraj Chopra wins Silver Medal) जीत लिया है. वो टोक्यो ओलंपिक्स में जीते गए गोल्ड मेडल को डिफेंड नहीं कर सके हैं, क्योंकि इस बार गोल्ड पाकिस्तान के अरशद नदीम के पास चला गया है. नीरज चोपड़ा को गोल्ड मेडल जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन Arshad Nadeem ने स्वर्ण पदक जीतकर और ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़कर पूरे विश्व को चौंका दिया है. यह 2024 ओलंपिक्स में भारत का पांचवां मेडल है, इससे पहले भारत 4 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुका है।
मुकाबले में क्या हुआ?
जैवलिन थ्रो के फाइनल में नीरज चोपड़ा का पहला प्रयान असफल रहा। जिसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने 89.45 मीटर का थ्रो किया। ये इस सीजन का उनका बेस्ट थ्रो था। बता दें कि क्वालीफिकेशन राउंड में उन्होंने 89.34 मीटर दूूर भाला फेंका था। फाइनल में नीरज के पास छह प्रयास थे। जिसमें से पांच खाली रहे। उन्होंने अपना बेस्ट थ्रो दिया लेकिन वो गोल्ड मेडल जीतने के लिए काफी नहीं था।
नीरज ने स्थापित किया नया कीर्तिमान
बता दें कि भले ही नीरज गोल्ड ना जीत पाए हो लेकिन वो भारत के लिए दो मेडल जीतने वाले चौथे एथलीट बन गए है। इस लिस्ट में नीरज से पहले पीवी सिंधु, सुशील कुमार और मनु भाकर का नाम शामिल है। जिन्होंने जाद भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए दो मेडल अपने नाम किए। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में नीरज ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था।
पाक के अरशद नदीम के नाम ओलंपिक रिकॉर्ड
पेरिस ओलंपिक्स 2024 के जैवलिन थ्रो के फाइनल में अरशद नदीम ने गोल्ड जीतकर सभी को हैरान कर दिया। दूसरे प्रयास में अरशद ने 92.97 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। ना सिर्फ उन्होंने मेडल जीता बल्कि अपने नाम ओलंपिक रिकॉर्ड भी दर्ज किया। उनसे पहले ये रिकॉर्ड नॉर्वे के एंड्रियास थोर्डकिल्सन के पास था। बीजिंग ओलंपिक 2008 में उन्होंने 90.57 का थ्रो किया था।