नैनीताल : जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र जोशी की कोर्ट ने पुलिस कांस्टेबल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने की आरोपित मृत की पत्नी राधिका की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। मृतक की बहन ने भाई की पत्नी पर भाई को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था और साथ ही किसी प्रोफेसर से लगातार सम्पर्क में रहने का आरोप लगाया था। परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतक की पत्नी पति के खिलाफ पुलिस के उच्चाधिकारियों और महिला हेल्पलाइन में फर्जी शिकायती पत्र देकर परेशान करती थी। साथ ही ऑफिस में जाकर गालीगलौज, हाथापाई कर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करती थी।
आपको बता दें कि बुधवार को डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि 23 जून को गोविंद सिंह निवासी जूप अल्मोड़ा ने अपनी बहू राधिका के खिलाफ कोतवाली हल्द्वानी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। गोविंद के अनुसार उनका बेटा पुष्कर 2005 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुआ जबकि 2010 में राधिका के साथ शादी हुई। दोनों की एक बेटी भी है। शादी के बाद राधिका का व्यवहार पति पुष्कर के प्रति क्रूर था। आये दिन राधिका अपने पति के खिलाफ पुलिस के उच्चाधिकारियों और महिला हेल्पलाइन में फर्जी शिकायती पत्र देकर परेशान करती थी। इसके अलावा पुष्कर के ऑफिस में जाकर गालीगलौज, हाथापाई कर मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताडि़त करती थी।
राधिका ने धमकी दी थी कि अगर उसकी एक लाख की डिमांड पूरी नहीं की तो महिला हेल्पलाइन में रिपोर्ट लिखाएगी। इससे तंग आकर पुष्कर ने आत्महत्या कर ली। उसने सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए पत्नी को जिम्मेदार ठहराने के साथ ही मौत उपरांत विभाग में कोई धनराशि और नौकरी नहीं देने की बात लिखी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण विषाक्त पदार्थ खाना और नस काटने से होना बताया गया। विवेचना के दौरान अभियुक्त के विरुद्ध साक्ष्य होने के चलते आरोपित राधिका की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय द्वारा खारिज किया गया।