नैनीताल : 15 अगस्त को प्रेमी और दो अन्य दोस्तों संग नैनीताल घूमने आई दीक्षा की मौत का का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। दीक्षा के फरार प्रेमी को पुलिस ने बीती मंगलवार रात गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। दीक्षा के प्रेमी ऋषभ उर्फ इमरान ने अपना जुर्म कुबूल लिया है। इमरान ने खुलासा किया कि दीक्षा के पुराने ब्वॉयफ्रेंड का मैसेज देख कर रात को उसका दीक्षा के साथ झगड़ा हुआ था और गुस्से में आकर उसने दीक्षा का गला दबाकर हत्या कर दी और वहां से उसका फोन लेकर फरार हो गया। इमरान ने पुलिस को बताया कि बीते 1 साल से वह दीक्षा के साथ लिव इन में रह रहा था। दीक्षा के लिए ही उसने अपना नाम इमरान से बदल कर ऋषभ तिवारी रखा था।
दीक्षा की गाड़ी और फोन लेकर हुआ फरार
आपको बता दें कि 15 अगस्त को दीक्षा अपने प्रेमी और दोस्तों संग अपना जन्मदिन मनाने आई थी। 15 की रात माल रोड़ पर सबने केक काटा औऱ रात को दारु पार्टी की। इमरान ने खुलासा किया कि दीक्षा, श्वेता और अलमास ने दारू पी। इमरान ने बताया कि वो शराब नहीं पीता है। इमरान ने बताया कि रात करीब 1:55 बजे श्वेता और अलमास अपने कमरे में चले गए। जिसके बाद दीक्षा के फोन पर पुराने प्रेमी का मैसेज देख इमरान को गुस्सा आ गया और उसने दीक्षा का गला दबाकर हत्या कर दी। इमरान ने बताया कि वो दीक्षा की गाड़ी और फोन लेकर फरार हो गया।
दीक्षा के कहने पर ही रखा इमरान नाम
इमरान ने खुलासा किया कि 1 साल पहले प्रॉपर्टी डीलिंग के कामकाज के चलते उसकी जान पहचान दीक्षा मिश्रा से हुई थी। इस बीच दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। दीक्षा जिस कॉलोनी में रहती थी वहां अधिकतर हिंदू समुदाय के लोग रहते थे जिस कारण उसने दीक्षा के कहने पर ही अपना नाम ऋषभ रखा।इमरान ने बताया कि दीक्षा उसके साथ लिव इन में रहती थी लेकिन तलाक के बाद बने प्रेमी से बात करती थी। जिस कारण बीते ढाई महीने से उनके बीच लड़ाई हो रही थी।
4 से 5 साल एक अन्य युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रही थी दीक्षा
इमरान ने खुलासा किया कि दीक्षा का उसके पति के साथ दो साल बाद ही तलाक हो गया था। जिसके बाद वह 4 से 5 साल एक अन्य युवक के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रही थी। इसी बीच इमरान उसके संपर्क आई और दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरु हो गया लेकिन वो पुराने प्रेमी से बात करती थी जो उसे पसंद नहीं थी। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी को न्यायालय पेश किया गया है। कोर्ट में पेशी के लिए आरोपी को ले जाने के दौरान कोतवाली के बाहर खड़े भाजपाईयो ने आरोपित पर हमला किया। जिससे पुलिस वापस कोतवाली के अंदर ले आई। पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर किसी तरह भाजपाइयों को कोतवाली से बाहर किया। जिसके बाद ही पुलिस आरोपित को न्यायालय ले जा सकी।