घर में दूध की काफी जरुरत होती है। ऐसे में जब भी बाजार से दूध मंगाने का जिक्र होता है तो सबसे पहले मदर डेयरी का नाम सबसे पहले आता है। मदर डेयरी सिर्फ दूध या डेयरी प्रोडक्ट नहीं बल्कि लाखों लोगों के घर के ऐड्रेस का लैंडमार्क भी बन गया है। शायद यही वजह है कि श्वेत क्रांति से निकली कंपनी आज के समय में डेयरी की दुनिया में बड़ा ब्रांड बन चुकी है। इस ब्रांड के नाम से मां शब्द जुड़ा है जो लोगों को दूध से एक गहरा रिश्ता जोड़ता है। आज मदर डेयरी ने 50 साल का लंबा सफर तय कर लिया है। आइये जानते हैं मदर डेयरी की दिलचस्प कहानी।
श्वेत क्रांति के बाद मदर डेयरी की शुरुआत
बता दें कि सरकार ने दूध की जरुरत को पूरा करने के लिए श्वेत क्रांन्ति शुरु की थी। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए साल 1974 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के तहत मदर डेयरी की नींव रखीं। मदर डेयरी का मकसद किसानों को फायदा पहुंचाना है। इससे किसानों को दूध के सही दाम मिल जाते हैं। दिल्ली में 68 फीसदी दूध की जरुरत को मदर डेयरी पूरा करती है। मदर डेयरी अब डेयरी ब्रांड के अलावा सफल ब्रांड के तहत सब्जी और धारा के तहत खाने के तेल की बिक्री करती है। बता दें कि मदर डेयरी दिल्ली और एनसीआर में हर दिन करीब 35 लाख लीटर से ज्यादा दूध पॉली पैक और वेंडिंग मशीनों से बेचती है। इसके अलावा कंपनी घर की रोजाना की जरूरतों में इस्तेमाल होने वाली चीजों की भी बिक्री करती है। इसमें फल, सब्जियां, जैम, दूध शामिल है।
ब्रांड से मां शब्द जोड़ा गया
मिल्क ब्रांड का नाम मदर डेयरी रखने के पीछे की खास वजह है। कंपनी ने लोगों से कनेक्ट करने के लिए मदर यानी मां को जोड़ा। इसका फायदा कंपनी को काफी बेहतर हुआ। देखते-देखते कंपनी घर-घर में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई। मदर डेयरी को ब्रांड बनाने में मदर नाम के साथ-साथ कार्टून वाली गाय की खास भूमिक रही है। गाय के इस कार्टून के साथ मदर डेयरी ने लोगों के दिलों में उतरने में खास कोशिश की है।