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तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद आपने दिल को दहला देने वाली तमाम तस्वीरें देखी होगी। एक तस्वीर जिसमें जन्म देते ही नवजात शिशु के सर से माँ का छाया छीन गया तो एक तस्वीर ऐसी थी जिसमें एक छोटी बच्ची अपनी और अपने भाई की जान को बचाने के लिए मददगारों से गुहार लगाती देखी जा सकती है। तुर्की, सीरिया में चारों ओर लाशों के ढेर लगे हैं। अस्पतालों में शव रखने की जगह नहीं है। किसी का पूरा परिवार छिन गया है तो कोई मासूम घर में अकेले बचा है। हालाँकि बचावकर्मी अभी भी रेस्क्यू कर शवों को बाहर निकालने में जुटे हैं।
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कुछ चमत्कारी तस्वीरों पर नजर
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कई चमत्कार भी देखने को मिले हैं। जो अंदर से दिल को झकझोड़ कर रख देती हैं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। जिसमें महज दो महीने का बच्चा 128 घंटे तक मलबे में रहने के बाद जिंदा बाहर निकला है. उसकी मुस्कान देखकर आपका भी दिल दहल जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब इस बच्चे को रेस्क्यू कर निकाला गया तो वहां मौजूद लोग बिलख पडे और ख़ुशी में तालियां बजाने लगे। वीडियो में भी आप देख सकते हैं कि इतने घंटे मौत से सामना होने के बावजूद बच्चे के चेहरे पर मुस्कान हैं और बच्चा बार बार बचाव कर्मी की उंगली पीने की कोशिश कर रहा है।
भूकंप के दौरान मलबे में दबी महिला ने दिया बच्ची को जन्म
एक चमत्कार सीरिया के उत्तर पश्चिमी इलाक़े में… यहाँ पर भूकंप से गिरी एक इमारत के मलबे में एक माँ ने बच्ची को जन्म दिया। जन्म देते ही माँ ने दुनिया को अलविदा कह दिया। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक जब इस बच्ची को मलबे से बाहर निकाला गया तो तब वह गर्भनाल के ज़रिए अपनी माँ के साथ जुड़ी हुई थी। भूकंप के प्रकोप से बच्ची के सर से माँ के साए के साथ साथ पिता और चार भाई-बहनों का साया भी छीन गया। इस बच्ची को जब बाहर निकाला तो आसपास के लोगों की आँखें नम थी। इस बच्ची का नाम अया रखा है। अरबी भाषा में अया शब्द का मतलब करिश्मा होता है। अया के मलबे से बाहर आते ही हज़ारों लोगों के हाथ इसे गोद लेने के लिए आगे आए हैं। हालाँकि, अया इस समय अस्पताल में भर्ती है और डॉक्टर ने बच्ची की हालात पहले से ठीक बताई है।
मार्मिक गुहार “मुझे यहां से बाहर निकाल लें, आप जो कहेंगे मैं करूंगी, जीवन भर आपकी नौकर बनकर रहूंगी ”
भूकंप में एक मार्मिक तस्वीर भाई बहन की आई थी, जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। उत्तरी सीरिया में भूकंप के 36 घंटे बाद मलबे में दबे भाई-बहन को जिंदा निकाला गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में हरम शहर के पास छोटा सा गांव है बेसनया-बसईनेह। इस इलाके में भी भूकंप ने भारी तबाही मचाई। जब रेस्क्यू टीम यहां पहुंची तो एक बच्ची और उसके भाई को मलबे में जिंदा दबा देखकर चौंक गई। बच्ची ने बचावकर्मी से कहा, मुझे यहां से बाहर निकाल लें, आप जो कहेंगे मैं करूंगी, जीवन भर आपकी नौकर बनकर रहूंगी.” इस पर बचावकर्मी ने जवाब दिया…नहीं, नहीं… बच्ची की मार्मिक गुहार से सभी की आंखें नम थी।
भूकंप वैज्ञानिक की चेतावनी कहा खतरा अभी टला नहीं
भूकंप से तुर्की और सीरिया में मरने वालों की संख्या 30 हजार से पार हो गई है। हालाँकि, रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। तुर्की, सीरिया इस भयानक भूकंप से झूझ ही रहा है। इस बीच भूकंप वैज्ञानिक डोगन पेरिन्सेक ने बहुत बड़ी चेतावनी दी है। इसमें उन्होंने कहा है कि अभी भी खतरा टला नहीं है। आपदाग्रस्त देश में जल्द ही 7 तीव्रता का एक और जोरदार भूकंप आ सकता है। यह चेतावनी तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भयानक भूकंप के कुछ दिन बाद दी गई है।
रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी आरआईए न्यूज ने पेरिन्सेक के हवाले से कहा कि पश्चिमी तुर्की में केनाक्केल पोर्ट सिटी के आसपास जल्द ही 7 तीव्रता का एक और भूकंप आ सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्यवाणी मरमारा सागर में उनके अध्ययन पर आधारित है। पेरिन्सेक ने आगे कहा कि केनाक्केल में हर 250 साल में भूकंप आता है। आखिरी भूकंप 287 साल पहले आया था। हालाँकि,कहना अभी मुश्किल है कि वैज्ञानिक डोगन पेरिन्सेक कि चेतावनी में कितनी सच्चाई बाकी है।
इतिहास के पन्नो में एक नजर
तुर्की और सीरिया से पहले भी इतिहास में ऐसे खौफनाक भूकंप आ चुके हैं। जिसमें चंद मिनटों में हज़ारों लोगों की लाशों का अम्बार लग गया था। नजर डालते है इतिहास के पन्नो में
- इतिहास में झांके तो सबसे भयानक भूकंप 16 दिसंबर 1920 को चीन के हाईयुआन प्रांत में आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7.8 तीव्रता वाले इस भूकंप में दो लाख चीनी लोग मारे गए थे।
- तीन साल बाद पड़ोसी देश जापान भी एक भयानक भूकंप से दहल उठा था। सितंबर 1923 को जापान के कांतो में 79 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 1,42,800 लोगों की मौत हुई थी।
- 27 जुलाई 1976 को चीन के तांगशान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 2,42.769 लोगों की जानें गई थीं।
- 2000 के दशक में सबसे भयानक भूकंप 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में आया था। 9.3 तीव्रता वाले इस भूकंप में 2,27,898 लोगों की मौत हुई थीं।
- 12 जनवरी 2010 को हैती में आए 7.0 तीव्रता वाले भूकंप ने भयानक तबाही मचाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भूकंप में तीन लाख से अधिक लोगों की जान गई थी।