उत्तराखंड भेड़ और ऊन डेवलपमेंट बोर्ड में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत मिली है। ये शिकायत पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मेनका गांधी ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पीएम नरेंद्र मोदी से की है।
मेनका गांधी ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि उत्तराखंड को मिले वर्ल्ड बैंक के पैसे को खर्च करने में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं बरती गईं हैं। मेनका गांधी ने हालांकि अपनी चिट्ठी में किसी तथ्य का खुलासा नहीं किया लेकिन वो लिखती हैं कि वर्ल्ड बैंक के पैसे से बोर्ड में 13 की लग्जरी कारें खरीदीं गईं। इसके साथ ही पंजाब से ऊंचे दाम पर पशु चारा खरीदा गया। यही नहीं, मेनका गांधी के मुताबिक बोर्ड ने एक कंस्लटेंट रखा जिसका वेतन 2.5 लाख रुपए प्रति माह है जो कंस्लटेंट के लिए अनुमानित वेतन से कहीं अधिक है।
मेनका गांधी ने अपनी चिट्ठी में पशुपालन विभाग के सचिव की भूमिका पर सवार खड़े कर जांच की मांग की है।
हालांकि खबरउत्तराखंड.कॉम के साथ हुई बातचीत में संबंधित सचिव ने राज्य में विश्व बैंक पोषित 3000 करोड़ रुपए की किसी योजना से इंकार किया है। यही नहीं राज्य में अभी पूरी भेड़ें पहुंची भी नहीं तो ऐसे में घोटाले की बात कहां से आ गई?