जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों और सेना की बीच मुठभेड़ में शुक्रवार को राजस्थान के अलवर जिले का जवान निखिल दायमा शहीद हो गया। निखिल महज 19 साल का था और निखिल की उरी में पहली पोस्टिंग हुई थी। पहली पोस्टिंग में 19 साल का जवान शहीद हो गया। ये खबर घर में मिलते ही कोहराम मच गया। मां ने अपने लाडले बेटे को खो दिया। लेकिन उनको गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। बता दें कि भिवाड़ी के सैदपुर गांव का लाल निखिल दायमा की पार्थिव देह शनिवार को दिल्ली पहुंची और वहां से शव शहीद के पैतृत गांव सैदपुर लाया गया। पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचते है चीख पुकरा मच गई। गांव वालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। परिवार वाले अपने लाडले बेटे को देख फूटफूट कर रोने लगे। मां बेसुध हो घई।
जानकारी मिली पुलवामा के त्राल इलाके के मंडूरा में हुए एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मजाहिदीन के तीन आतंकियों को मार गिराया था लेकिन लेलहर ककपोरा इलाके में एक और एनकाउंटर हुआ था। शुक्रवार को इससे पहले सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में सेना ने हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी मार गिराया था। ये मुठभेड़ शनिवार को भी चली। कई आतंकियों के छुपने की खबर पर ऑपरेशन जारी था।
13 जनवरी को ही छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे निखिल
निखिल के ताऊ जीत दायमा ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को उन्हें सेना की ओर से निखिल दायमा की शहादत की सूचना मिली है। पार्थिव देह दिल्ली होते हुए शनिवार दोपहर को उनके गांव सैदपुर लाई जाएगी। निखिल 13 जनवरी को ही छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर लौटे थे। 2019 को इंडियन आर्मी ज्वाइन की थी। ट्रेनिंग के बाद उरी में पोस्टिंग मिली थी।बता दें कि निखिल अपने परिवार से तीसरे फौजी थे। इनके पिता मंजीत दायमा चालक व माता सविता देवी हाउसवाइफ हैं। निखिल के दाता मुनिलाल दायमा भारतीय सेना में सूबेदार और बड़े दादा दीनदयाल दायमा कैप्टन पद पर सेवाएं दे चुके हैं।