दो बच्चों की मां जिसके पति कांस्टेबल थे…उसने पति को अधिकारियों को सैल्यूट करते देखा था और यही उसके दिल और मन में बस गई कि आखिर पति जिनको सलाम कर रहे हैं वो बनने के लिए क्या करना पड़ता है। पति ने समझाया और आज वो महिला खुद मेहनत और लग्न से आईपीएस बन गई है।
बता दें कि आज गणतंत्र दिवस के मौके पर सोशल मीडिया पर आईपीएस अंबिका की कहानी खूब वायरल हो रही है। आईपीएस अधिकारी एन. अंबिका को लोग मुंबई की ‘लेडी सिंघम’ के नाम से भी जानते हैं। बता दें कि 2008 से पहले यह सब नामुमकिन सा था। अंबिका की 14 साल की उम्र में अंबिका की शादी हो गई थी और वह 18 साल में दो बच्चों की मां बन गईं। अंबिका के पति पुलिस कॉन्स्टेबल थे। एक बार अंबिका पति के साथ गणतंत्र दिवस की पुलिस परेड देखने पहुंची थी। अंबिका ने देखा कि उनका पति ऊंची रैंक के अधिकारियों को सैल्यूट कर रहा है। अंबिका ने पति से पूछा कि ऐसा क्यों किया? वह कौन थे?
पति ने अंबिका को सब बताया और कहा कि आईपीएस बनने के लिए सिविल सर्विसेस एग्जाम देना होता है तो अंबिका ने परीक्षा देने की बात की। अंबिका की पढ़ाई छूट चुकी थी लेकिन मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा आज भी था। भले ही अंबिका गृहस्थी संभाल रही थीं लेकिन मन कुछ बड़ा करने का था। अंबिका ने एक प्राइवेट कोचिंग से 10वीं और बाद में डिस्टेंस लर्निंग से ग्रेजुएशन पूरी की। इसके बाद जाकर वह आईपीएस अफसर बनने के सपने को साकार करने के काबिल बनीं। लेकिन डिंडीगुल में कोई कोचिंग सेंटर नही था। ऐसे में अंबिका ने चेन्नई में रहकर सिविल सर्विस के एग्जाम की तैयारी करने का फैसला किया। इसमें पति ने उनका साथ दिया। अंबिका चेन्नई में रहकर तैयारी कर रही थीं। उनके पति नौकरी के साथ दोनों बच्चों की देखभाल कर रहे थे। अंबिका, एक बार नहीं बल्कि तीन बार परीक्षा में फेल हुईं। लेकिन हार नहीं मानी।
पत्नी बनी आईपीएस, कांस्टेबल पति को फक्र महसूस हुआ
अंबिका के पति चाहते थे कि वह तीन असफल अटेम्प्ट्स के बाद वापस लौट आएं। लेकिन अंबिका ने हार नहीं मानी। अंबिका की मेहनत रंग लाई औऱ वो साल 2008 में परीक्षा पास हो गईं। उन्होंने आईपीएस की वर्दी पहनी जिसे देख कांस्टेबल पति को फक्र महसूस हुआ।। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें अपनी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र में मिली। आज अंबिका मुंबई में जोन-4 की डीसीपी हैं। और हां, वह मुंबई की ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर हैं।