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हरिद्वार में विभागों को अपनी ही भूमि के बारे में सही सही जानकारी नहीं हैं। हालात ये हैं कि भूमि का पता लगाने के लिए यूपी से नक्शा मंगाने की नौबत आ गई है। इसे लेकर एसडीएम ने विभागों के अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई है।
दरअसल हरिद्वार में हर की पैड़ी पर 1979 में लागू किए गए मास्टर प्लान के अनुसार रिस्टोर करने की तैयारी है। इसमें बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाया जाना है। एसडीएम पूरण सिंह राणा ने इस संबंध में नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और अतिक्रमण के बारे में जानकारी मांगी। एसडीएम के सवालों से बैठक में पहुंचे अधिकारियों के होश उड़ गए।
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विभागों ने अपनी जमीन पर अतिक्रमण के चिह्नीकरण भी नहीं किए थे। न ही उन्हें अपनी भूमि के बारे में स्पष्ट जानकारी ही थी। अब एसडीएम के निर्देशों पर यूपी के सहारनपुर से पुराना नक्शा मंगाया जा रहा है ताकि 1956 के हिसाब से मास्टर प्लान को समझा जा सके और फिर अतिक्रमण चिह्नीकरण किया जा सके।
वहीं बैठक में सप्तऋषि इलाके में 1956 के इलाके के अनुसार अतिक्रमण पाया गया है। भारत माता मंदिर के सामने स्थित जगह के बारे में भी पता लगाया जा रहा है। यहां 1956 के नक्शे के मुताबिक अतिक्रमण पाया गया है। वहीं हर की पैड़ी में 1979 में चौड़ीकरण के लिए बनाये गए मास्टर प्लान के तहत भूमि अधिग्रहण की गई थी लेकिन काफी स्थानों पर अतिक्रमण हो गया है। पुराना नक्शा आते ही अतिक्रमण चिह्नित कर कार्रवाई शुरु कर दी जाएगी।