ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में अब तक 278 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। जिसमें से 101 लाशों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। ऐसे में कुछ शवों को कई लोग अपना बता रहे हैं। हालांकि अब इस परेशानी से निपटने के लिए डीएनए सैंपलिंग शुरू कर दी गई है।
शव छह महीने तक रहेंगे सुरक्षित
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक AIIMS के डिप्टी सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रवास त्रिपाठी ने बताया कि 278 लाशों में से 177 लाशों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया है। अभी 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। शव खराब न हो इसलिए शवों को पांच अलग-अलग कंटेनर में रखे हैं, जिससे शव लंबे समय तक खराब नहीं होंगे। अब शव छह महिने तक सुरक्षित रहेंगे, इसलिए शवों के अंतिम संस्कार के जल्दबाजी की आवश्यकता नहीं है।
इन राज्यों के हैं सबसे अधिक मृतक
जानकारी के अनुसार अधिकतर पीड़ित पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा राज्य के रहने वाले थे। सीबीआई, रेलवे सुरक्षा कमिश्नर और जीआरपी ने ट्रेन हादसे की जांच शुरू कर दी है।