मणिपुर में इन दिनों हिंसा को देखते हुए सरकार ने पुलिस को शूट एट साइट का ऑर्डर दे दिया है। जिसके तहत अब यदि कहीं भी कोई शरारती तत्व नजर आता है तो, वो उसे वहीं गोली मार सकते हैं।
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मणिपुर में ‘शूट एट साइट’ का आर्डर जारी
दरसअल मणिपुर में बढ़ती हिंसा आगजनी व तोड़फोड़ के कारण बेकाबू होते हालात देख हर तरफ सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है और लगभग 9,000 लोगों को विस्थापित किया है। वहीं काफी मणिपुर सरकार ने पुलिस को ‘शूट एट साइट’ का आर्डर दे दिया है। बता दे कि यह ऑर्डर बहुत ही संवेदनशील परिस्थितियों में दिया जाता है। इस ऑर्डर को जारी करने का अर्थ है कि यदि प्रशासन को कही भी कोई शरारती तत्व नजर आता है तो, वो उसे वहीं गोली मार सकते हैं।
क्या है शूट एट साइट आदेश
बता दे कि शूट एट साइट आदेश भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत राज्य सरकार द्वारा अमल में लाया जाता है। जब किसी क्षेत्र में हिंसा बढ़ जाती है और स्थिति संवेदनशील हो जाती है, तो ऐसी परिस्थिति में सरकार द्वारा प्रशासन को यह ऑर्डर दिया जाता है। इस ऑर्डर को भड़की हिंसा को रोकने और उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए जारी किया जाता है।
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इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति हथियारों या किसी ऐसी चीज से लैस है, जिसका इस्तेमाल किसी को जान से मारने के लिए किया जाता है, उसे मौके पर ही शूट करने का आदेश होता है। इसके अलावा, यदि प्रशासन को लगता है कि कोई व्यक्ति किसी अन्य के मौत का कारण बन सकता है या किसी गैर-कानूनी सभा का सदस्य है तो, उसे इसके तहत सजा दी जा सकती है।
यदि कोई तत्व काफी समय से पुलिस से भागने की कोशिश कर रहा है या जो पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश करता है। जिससे समाज को बड़ा खतरा होता है, उसके लिए प्रशासन द्वारा पुलिस को ‘शूट एट साइट’ ऑर्डर दिया जाता है।
भीड़ को काबू में करता है ‘शूट एट साइट’ ऑर्डर
‘शूट एट साइट’ ऑर्डर के तहत किसी पर गोली जान से मारने के लिए नहीं चलाई जानी चाहिए, बल्कि इस आदेश के लागू होने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने और शरारती तत्व को गिरफ्तार करने के लिए गोली चलाई जा सकती है। इसमें व्यक्ति को केवल घायल करने का निर्देश है ताकि लोगों की भीड़ को काबू किया जा सके। हालांकि, ऐसा ऑर्डर हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में भी तभी दिया जाता है, जब अन्य सभी योजनाओं काम न कर रही हो।