उत्तराखंड में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान में चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के आह्वान पर आज देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड से सचिवालय कूच किया गया। प्रीतम सिंह के कूच में भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद रहे। जहां एक और संगठन के लोग प्रीतम के इस कूच में नदारद दिखे, वहीं प्रीतम के आह्वान पर कांग्रेस के अधिकतर विधायक और पूर्व विधायक इसमें शामिल हुए। प्रीतम सिंह के साथ नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी मौजूद रहे। प्रीतम सिंह के कूच में अच्छी खासी भीड़ जुटाई। इस बीच कूच कर रहे कई कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी भी हुई।
इन मुद्दों को लेकर किया कूच
प्रीतम सिंह ने कई मसलों को लेकर सचिवालय कूच का ऐलान किया था। इनमें सबसे अहम अंकिता भंडारी हत्याकांड, UKSSSC भर्ती घोटाले, किरण नेगी हत्याकांड के साथ ही विधानसभा बैक डोर भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग रही। इसके साथ ही करप्शन, ध्वस्त कानून व्यवस्था को लेकर भी विरोध दर्ज कराया गया। प्रीतम सिंह के इस कूच में मलिन बस्तिों के नियमतिकरण, महंगाई, विभिन्न परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति देने जैसे मसलों पर भी आवाज उठाई गई।
प्रीतम सिंह ने सचिवालय कूच के लिए देहरादून में रेंजर्स कॉलेज के मैदान पर कार्यकर्ताओं से लेकर कांग्रेस के बड़े पदाधिकारियों तक को आमंत्रित किया था। हालांकि कूच को लेकर कई दिग्गज नेता कन्नी काटते नजर आए लेकिन प्रीतम के समर्थकों की भारी भीड़ ने माहौल बना दिया। इस कूच से पहले हुई सभा में कई कांग्रेसी नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा। इसके बाद प्रीतम सिंह की अगुवाई में रैली सचिवालय के लिए कूच कर गई।
कार्यकर्ता चढ़े बैरिकेडिंग पर
सचिवालय से पहले सभी को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। भारी संख्या में प्रीतम सिंह के साथ सचिवालय कूच करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वही पुलिस की भारी सुरक्षा को चकमा देकर प्रीतम सिंह और कई कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़कर सचिवालय के करीब भी पहुंच गए। बिगड़ते माहौल और आक्रोशित कार्यकर्ताओं को देखते हुए पुलिस में प्रीतम सिंह सहित कई विधायकों को हिरासत में ले लिया। संगठन और प्रदेश अध्यक्ष के बिना भारी संख्या में इस कूच को प्रीतम सिंह के शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है।
इतना ही नहीं कूच के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी ढोल-दमाऊ के साथ प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे थे। इस बीच सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। कूच के दौरान पूर्व मंत्री डाक्टर हरक सिंह रावत ने कहा कि आज राज्य गठन के लिए अपना बलिदान देने वाले आंदोलनकारियों की आत्मा रो रही होगी। वनन्तरा प्रकरण, यूकेएसएसएसई भर्ती घोटाले में सरकार की नाकामी साफ झलकती है। छावला दुष्कर्म में पीड़िता को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को बनाने की लड़ाई लड़ी थी, अब उत्तराखंड को बचाने की फिर से लड़ाई लड़नी होगी।
प्रीतम ने कहा बीजेपी से जनता त्रस्त
वहीं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जनता ने भाजपा को प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका दिया लेकिन पिछले करीब 9 महीने में सत्ता में बैठे लोगों ने राज्यवासियों को वो जख्म दिए हैं जो जल्दी नहीं भरेंगे। प्रदेश सरकार दिशाविहीन है और उसे जनता से कोई सरोकार नहीं रह गया है। जनता का अहित कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी। कांग्रेस जनता की आवाज पुरजोर ढंग से उठाएगी, जरूरत पड़ी तो इस संघर्ष को और तेज किया जाएगा।
ये रहे उपस्थित
कूच के दौरान विपक्ष के नेता यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत, पूर्व सांसद महेन्द्र पाल, पार्टी के तमाम विधायक, पार्टी के कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक के साथ-साथ सभी राज्य जिलों के पार्टी नेता इस विशाल विरोध में उपस्थित थे।