मध्य प्रदेश दूसरी बार लगातार अपना टाइगर स्टेट का दर्जा बनाने में कायम रहा है। वहीं दूसरे स्थान पर कर्नाटक है। बता दें कि केंद्र सरकार ने बाघ गणना के राज्यवार आंकड़े जारी किए हैं। जिसमें मध्य प्रदेश 785 बाघों के साथ पहले और कर्नाटक 563 बाघों के साथ दूसरे स्थान पर हैं। वहीं उत्तराखंड में 560 और महाराष्ट्र में 444 बाघ हैं।
वन मंत्री ने मध्य प्रदेश को दी बधाई
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मध्य प्रदेश को ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होनें लिखा मध्य प्रदेश को बधाई, नई बाघ गणना के आंकड़ो में 785 बाघों के साथ मध्य प्रदेश देश का सबसे अधिक बाघ वाला राज्य बना हुआ है। यह राज्य बाघों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता दर्शाता है।
सीएम शिवराज ने जताई खुशी
वहीं मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि अत्यंत हर्ष की बात है कि हमारे प्रदेशवासियों के सहयोग और वन विभाग के अथक प्रयासों के फलस्वरूप चार सालों में हमारे प्रदेश में जंगल के राजा बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई है। मै पूरे प्रदेश की जनता को वन एवं वन्यप्रणियों के संरक्षण में उनके सहयोग के लिए दिल से धन्यवाद और बधाई देता हूं। आइये हम सब मिलकर अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर भावी पीढ़ियों के लिए प्रकृति संरक्षण का पुनः संकल्प लें।
चार साल में मध्य प्रदेश में बढ़े 259 बाघ
बता दें कि मध्य प्रदेश में 2006 के बाद से लगातार बाघ संरक्षण को गति मिल रही है। 300 बाघों के साथ मध्य प्रदेश सबसे अधिक बाघों वाला राज्य था। इसके बाद 2010 में यह घटकर 257 हो गए और तब मध्य प्रदेश का टाइगर स्टेट का दर्जा कर्नाटक ने छीन लिया था। 2014 में मध्य प्रदेश में 308 बाघ थे 2018 में 526 बाघ थे। इसके बाद चार साल में मध्य प्रदेश में 259 बाघ बढ़े और फिर से मध्य प्रदेश पहले स्थान पर आ गया है।