चुनाव आयोग ने रविवार को चुनावी बॉन्ड पर ताजा डेटा सार्वजनिक किया, जिसे सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट में जमा किया था और बाद में इसे सार्वजनिक डोमेन में डालने के लिए कहा गया था। ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं। इस तिथि के बाद के चुनावी बॉन्ड विवरण पिछले सप्ताह निर्वाचन आयोग द्वारा सार्वजनिक किए गए थे।
चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा सीलबंद लिफाफे को खोले बिना सुप्रीम कोर्ट में जमा किया गया था। 15 मार्च, 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने उसी के डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियां वापस कर दीं। भारत के चुनाव आयोग ने आज चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजीटल रुप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
बता दें कि, भारतीय स्टेट बैंक ने 2018 योजना की शुरुआत के बाद से 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड जारी किए हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड की जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान है।
एसबीआई ने सौंपा था डेटा
एसबीआई ने मंगलवार शाम को उन संस्थाओं का विवरण चुनाव आयोग को सौंपा था, जिन्होनें चुनावी बॉन्ड खरीदे थे और राजनीतिक दलों ने उन्हें भुनाया था। शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी थी।