फिल्म द कश्मीर फाइल्स की रिलीज के बाद सोशल मीडिया से लेकर देशभर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की यादें ताजा हो गई है। लोग कांग्रेस और अत्याचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब कश्मीरी लेखक और ऐक्विटविस्ट जावेद बेग के ट्वीट्स वायरल हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिएर कश्मीरी पंडितों से माफी मांगी है। उनका कहना है कि उनके वालिदों ने जो गलतियां की यूथ्स को उन्हें मानना चाहिए। पंडितों के साथ गुनाह हुआ है। कश्मीरी मुस्लिमों ने आजादी के नाम पर हाथ में बंदूकें उठाईं। जावेद ने कहा कि यह प्रोपागैंडा नहीं हकीकत है। उन्होंने कहा कि सच सच ही रहता है भले ही कोई इसे कहे या न कहे।
आजादी के नाम पर पाकिस्तान ने दी बंदूकें
एक ट्वीट में जावेद ने लिखा कि मैं कश्मीरी मुस्लिम हूं। हमारी बहन गिरजा टिक्कू के जीते जी टुकड़े कर दिए गए। ये कश्मीरी मुस्लिम परिवारों ने किया जिनके हाथों में पाकिस्तान ने आजादी के नाम पर बंदूकें थमा दी थीं। यह सच है प्रोपागैंडा नहीं। मैं पंडित बिरादरी से हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं।जावेद ने एक और ट्वीट किया है, सच कोई न बोले फिर भी वह सच रहता है। झूठ को हर कोई बोलता रहे फिर भी वह झूठ रहता है। मैं कश्मीरी पंडितों के पहले हत्याकांड का गवाह हूं जो कि नवरोज के दिन 21 मार्च 1997 में संग्रामपोरा बीरवाह मेरे होमटाउन में हुआ था। मुझे दुख होता है और शर्मिंदा हूं।
I am Kashmiri Muslim.Our Pundit sister Girja Tikoo was cut into pieces, while she was alive by militants from Kashmiri Muslim families who had guns from Pakistan in their hands, all in name of “Azadi”.This is FACT & not propaganda.I fold my hands and apologize to Pundit biradari pic.twitter.com/3muXcIzVCh
— Javed Beigh (@Javedbeigh) March 15, 2022
मैंने देखा है, निहत्थों की हत्या हुई
जावेद की एक क्लिप भी वायरल है। इसमें वह न्यूज चैनल से बोलते दिख रहे हैं, बीरवाह के जिस इलाके से मैं ताल्लुक रखता हूं। 21 मार्च को जो पहला हत्याकांड हुआ था। इसमें दर्जनों कश्मीरी पंडितों को मारा गया था। मैंने वो देखा है। न ही वे लोग आजादी रोक रहे थे। न ही वे किसी कश्मीरी मुसलमान को मार रहे थे। निहत्थे लोग थे। उनमें से एक इलाके का हेडमास्टर साहब था। मेरे जैसा एक नौजवान उसकी शहादत के बाद टीचर लिस्ट में आ गया। वो हत्याकांड नहीं है तो क्या है। निहत्थे लोगों के साथ आप जो कर रहे हो वो जुल्म नहीं है तो क्या है जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों को मारा है वे हमारी ही बस्तियों के, हमारे ही लोग थे।
इस्लाम का फर्ज है मुसीबत में गैर मुस्लिम को बचाना
कश्मीरी पंडित कोई गैर नहीं थे। हमारा ही खून हैं। हमारी ही नस्ल हैं। जानवर भी जानवर को नहीं मारते। जो मेरे वालिद साहब की पीढ़ी ने जो गलतियां कीं, एक प्रोग्रेसिव यूथ होने के नाते, हमें मानना चाहिए कि गुनाह हुए हैं। इसके लिए हम सबको सामूहिक रूप से कश्मीरी पंडितों से माफी मांगनी चाहिए। इसके लिए किसी मूवी की जरूरत नहीं है। इसके लिए बस जमीर की जरूरत है। इस्लाम में भी लिखा है कि अगर कहीं युद्ध हो और आपके इलाके में कोई गैर मुस्लिम है तो उसकी इज्जत, जिंदगी और प्रॉपर्टी को बचाना आपका फर्ज है।
Kashmiri Muslim activist @Javedbeigh says Kashmiri Muslims should confess to their crime of genocide of Kashmiri Pandits and publicly apologise. Javed is witness to 1997 massacre of Kashmiri Hindus. Collective apology for crimes against humanity need of the hour. #TheKashmirFiles pic.twitter.com/5fX30idD2e
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 16, 2022