अररिया के रानीगंज में दिनदहाड़े दैनिक जागरण के पत्रकार की हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि अपराधियों ने घर के दरवाजे पर चढ़कर मेन गेट खुलवाया और जैसे ही पत्रकार गेट पर आए वैसे ही उनके सीने में गोली दाग दी गई। उनकी हत्या के बाद इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है।
सुपौल जेल में बंद रूपेश ने की साजिश
की पहचान पत्रकार विमल यादव के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों ने बताया कि सुपौल जेल में बंद रूपेश ने हत्या की साजिश की थी। उसने जेल से ही हत्या की सुपारी दी थी।
परिजनों ने लगाया आरोप
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार परिजनों का कहना है कि चार साल पहले अप्रैल 2019 में विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस समय गब्बू यादव बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। विमल अपने भाई की हत्याकांड के मुख्य गवाह थे। केस का स्पीडी ट्रायल चल रहा था। विमल की मुख्य गवाही होनी थी। लेकिन अचानक उनकी हत्या कर दी गई। परिजनों ने बताया कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। परिजनों ने कहा कि आरोपी को डर था कि उसे उम्रकैद की सजा न हो जाए इसलिए बचने के लिए उसने ऐसा किया।
प्रशासनिक लापरवाही का लगाया आरोप
वहीं परिजनों ने आरोप लगाया कि विमल यादव ने खुद की सुरक्षा को बंदूक के लाइसेंस के लिए भी अप्लाई किया था। कई बार आवेदन देने पर भी बंदूक का लाइसेंस नहीं मिल पाया। परिजनों ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया है।
अपने माता पिता का सहारा थे विमल
बता दें कि भाई की मौत के बाद विमल ही अपने माता पिता का सहारा थे। धटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मामले में अररिया एसपी का कहना है कि वारदात को दो अपराधियों ने अंजाम दिया है। दोनों को चिन्हित कर लिया गया है। दोनों की तलाश में छापेमारी चल रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।