झारखंड सरकार ने गुटखा और पान मसाला पर सख्त रुख अपनाते हुए इसपर पूरी तरह से बैन (Jharkhand Gutka Ban) लगा दिया है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बाद एक साल के लिए तंबाकू या निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण पर पूरी तरह रोक लगाई गई है।
गुटखा-पान मसाला हुआ बैन
अपर मुख्य सचिव सह राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त अजय कुमार सिंह ने इस आदेश को लागू करने का निर्देश दिया है। अधिसूचना जारी होते ही झारखंड में अब गुटखा और पान मसाला का निर्माण, स्टोरेज, बिक्री और वितरण गैरकानूनी हो गया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक जो भी जर्दा यानी टोबैको या निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला बेचते हुए पकड़ा गया उसपर सख्स कार्रवाई होगी।
क्यों लगाया गया बैन?
सरकार ने ये फैसला जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के तहत ये प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (प्रोहिबिशन एंड रिस्ट्रिक्सन ऑन सेल्स) रेगुलेशन, 2011 की धाराओं का भी इसमें पालन किया गया है।
झारखंड में ओरल कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए ये कदम उठाया गया है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में गुटखा और पान मसाला के सेवन से कैंसर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
इससे पहले कब लगा था बैन?
ये पहली बार नहीं है जब झारखंड में गुटखा और पान मसाला पर रोक लगाई गई हो। 8 मई 2020 को मैग्निशियम कार्बोनेट की मौजूदगी पाए जाने के बाद गुटखा बैन किया गया था। 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 11 ब्रांड्स के पान मसाला पर एक साल का प्रतिबंध लगाया था। सरकार ने इस बार बैन को सख्ती से लागू करने के लिए निदेशक, पीआरडी को निर्देश दिए हैं कि तीन दिनों तक अखबारों में इस नोटिफिकेशन को प्रकाशित किया जाए ताकि आम जनता को इसके बारे में जानकारी मिल सके।