21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। देश भर में आज योग दिवस की धूम देखने को मिल रही है। आम से लेकर खास हर किसी ने आज योग किया है। योग कई प्रकार का होता है। जो हमारे शरीर, मन और मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है। पर क्या आप योग करने के सही तरीकों को जानते हैं। हमेशा योग को सुबह और शाम के समय करना चाहिए। ये दोनों ही समय योग करने के लिए सही बताए गए हैं। लेकिन यदि आप योग करने के लिए सुबह का समय चुनते हैं तो ये आपको काफी फायदे देता है। सुबह आपको ताजी हवा मिलती है। मन शांत रहता है और स्वस्थ ऑक्सीजन से बॉडी भी हेल्दी रहती है। साथ ही योग करने से दिमाग में सकारात्मक विचार आते हैं। आज के इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे योग बताने जा रहे हैं जो आपको रोज सुबह उठके करने चाहिए।
सूक्ष्म व्यायाम (warmup)
सूक्ष्म व्यायाम यानि (warmup) जिसे हमेशा किसी भी एक्सरसाइज को करने से पहले किया जाता है ताकि शरीर आगे के मूवमेंट्स के लिए तैयार हो सकें। इसलिए हमेशा शूरूआत सूक्ष्म योग से करनी चाहिए। अपने पैर की उंगलियों के साथ शुरू और अपनी गर्दन तक बढ़ें। धीरे-धीरे शरीर के प्रत्येक हिस्से को हल्के मूवमेंट्स के साथ हिलाएं और घूमाएं। यह मांसपेशियों को स्ट्रेच करेगा और जोड़ों को वार्म-अप करके शरीर को योग आसनों के अभ्यास के लिए तैयार करेगा।
समस्थिति (Balanced Pose)
इस आसन को करने के लिए पैरों को सीधे मिलाकर खड़े होना चाहिए। पीठ सीधी रहे। अपने हाथों को कमर के दोनों ओर रखें। हथेलियां अंदर की ओर हो और चेहरा सामने की ओर होना चाहिए। फिर इसी मुद्रा में आपको कुछ देर रहना है और गहरी सांस लेनी है। इसे करने से आपके पैर और कोर की मसल्स मजबूत रहेंगी। बोन डेंसिटी बढ़ेगी। पोस्चर में सुधार होगा। माइंडफुलनेस, मेंटल फोकस और बॉडी अवेयरनेस को बढ़ावा मिलेगा। मन को स्फूर्ति मिलेगी।
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar)
रोजाना सेहत और फिटनेस के लिए यह आसन सबसे अच्छा माना जाता है। हर सुबह सूर्य नमस्कार करना काफी जूरूरी है। इसे करने से शरीर और दिमाग खुलता है। हर दिन 5 राउंड करना चाहिए। असे करने से वजन घटाने में मदद मिलती है। मांसपेशियों और जोड़ मजबूत रहते हैं। यह कॉम्प्लेक्शन को सुधारता है। एक बेहतर पाचन तंत्र सुनिश्चित करता है। अनिद्रा से लड़ने में मदद करता है।नियमित मासिक धर्म चक्र सुनिश्चित करता है। फ्रोज़न शोल्डर के इलाज में उपयोगी। रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है।
मार्जरी आसन (Cat Pose)
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन में चटाई बिछाकर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। फिर घुटनों को अंदर की ओर मोड़े और अपन पैरों पर कुल्हों को रखें। अब हथेलियों को अपने घुटनों पर रखें। गहरी सांस ले और छोड़े। यह मुद्रा जांघों, टखनों, घुटनों और पैरों को स्ट्रेच करती है। पोस्चर में भी सुधार करती है और श्रोणि की मसल्स को टोन करती है। इसके अतिरिक्त, यह पाचन में सहायता करती है, और अपच और गैस से छुटकारा दिला सकती है।
वृक्षासन (Tree Pose)
वृक्षासन को करने के लिए सीधे खड़े होकर अपने पैरों को आस पास रखें। सीधे पैर को जमीन से उठाकर बाएं पैर की जांघ पर रखें। इसके बाद अपने सीधे पैर को जमीन से उठाकर बाएं पैर की जांघ पर रखें। फिर अपनी हथेलियों को प्रणाम की मुद्रा में रखें। इस दौरान कमर सीधी रखें और संतुलन बनाकर रखें। यही प्रक्रिया आप दूसरे पैर के साथ दोहराएं। यह आसन आपके पोज और पैरों में लिगामेंट्स और टेंडेन्स को स्ट्रेट करेगा और मजबूत करने में मदद करता है। इससे आऐपको संतुलन में सुधार होगा। ट्री पोज़ के लिए सही वेट डिस्ट्रीब्यूशन और मुद्रा की जरूरत है, जो आपकी कमर, जांघों, कूल्हों और पेल्विस को स्थिरता दे सकता है। यह आपके कोर को भी मजबूत करता है।
यदि आप रोजाना इन आसनों को करते हैं और योग को अपनी दिनचर्या बनाते हैं तो निश्चित ही आप स्वस्थ और फिट रहेंगे। इससे न केवल आपका तन बल्कि मन भी खुश रहेगा। इसलिए हर दिन योग करें और निरोग रहें।