बिहार की राजधानी पटना के शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में पटना एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के स्टेशन प्रबंधक रुपेश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस ने हत्यारे को पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी है. पुलिस के हाथ अभी तक खाली है। पुलिस के अनुसार रुपेश कुमार मंगलवार की रात अपने पुनाईचक स्थित कुसुमविला अपार्टमेंट में घुस ही रहे थे कि अपराधियों ने उनपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. आनन फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां रास्ते में रुपेश ने दम तोड़ दिया. डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
मामले की की जांच के लिए एसआईटी का गठन
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना के वक्त अपार्टमेंट का सीसीटीवी बंद था. रुपेश को सीने पर 6 गोलियां दागी गई। पुलिस के हाथ अब तक खाली है। वहीं दूसरी ओर पटना एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि अब तक हत्या के कारणों का पता नही चल सका है. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. मामले की की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
रुपेश के पिता थे पुलिस में
जानकारी मिली है कि रुपेश के पिता पुलिस में थे जो पिछले 6 सालों से वह पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट में रह रहे थे। उनकी किसी से कोई दुश्मनी और विवाद नहीं था। जानकारी मिली है कि रुपेश के पास पहले स्कॉर्पियो थी। धनतेरस पर उन्होंने काले रंग की नई लग्जरी कार खरीदी थी। इसी कार में बैठे रहने के दौरान बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। रुपेश खुद गाड़ी चलाते थे। घटना से पहले वह खुद एयरपोर्ट से कार चलाते हुए अपार्टमेंट के गेट पर पहुंचे थे।जानकारी मिली है कि घटना के बाद एफएसलएल को मौके पर बुलाया गया लेकिन टीम करीब 3 घंटे बाद मौके पर पहुंची। इसके बाद एफएसएल टीम ने जांच का कोरम पूरा किया। मैनेजर की गाड़ी के अंदर मिले सामान और मोबाइल पुलिस के कब्जे में है। अपराधियों तक पहुंचने के लिए पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान में भी जुट गई है। इसके लिए पुलिस मैनेजर के मोबाइन की कॉल डिटेल भी खंगालेगी कि किस किस से रुपेश की बात हुई। पुनाईचक इलाके में कितने
जानकारी मिली है कि गोवा से छूट्टियों से लौटे रूपेश ने मंगलवार को आते ही काम संभाला था। विमानों में बुकिंग की स्थिति से एयरपोर्ट पर होने वाले हर वीवीआईपी मूवमेंट तक की जानकारी ली और एयरपोर्ट के अधिकारियों से मुलाकात की थी। एयरपोर्ट पर वैक्सीन लाये जाने के दौरान भी रूपेश डटे रहे। पटना एयरपोर्ट पर रूपेश लगभग 12 सालों से काम कर रहे थे। तेजतर्रार कार्यशैली और कार्यदक्षता की बदौलत उन्हें इंडिगो ने स्टेशन मैनेजर बनाया था। पटना एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा विमानों की संख्या इंडिगो की है। रूपेश की काबिलियत की बदौलत कंपनी को लगातार मुनाफा हो रहा था और एयरपोर्ट पर इंडिगो की आय लगातार बढ़ रही थी।