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बीजेपी प्रवक्ताओं के जरिए पैगंबर साहब को लेकर दिए बयान के बाद इस्लामी देशों के संगठन की ओर से की गई टिप्पणी का उनको करारा जवाब मिला है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान को गैर-जिम्मेदाराना और दूसरे के उकसावे पर दिया गया बताया। इसके साथ ही ओआईसी से अपने साम्प्रदायिक तरीकों से बाज आने की अपील की है।
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विदेश मंत्रालय ने कहा, ”कुछ व्यक्तियों द्वारा एक धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले आपत्तिजनक ट्वीट और टिप्पणियां की गईं। वे किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। इन व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित निकायों द्वारा पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।”
उन्होंने कहा, ”यह खेदजनक है कि ओआईसी सचिवालय ने फिर से प्रेरित, भ्रामक और शरारती टिप्पणी करने के लिए चुना है। यह केवल निहित स्वार्थों के इशारे पर अपनाए जा रहे विभाजनकारी एजेंडे को उजागर करता है।”
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एमईए ने कहा कि हम ओआईसी सचिवालय से आग्रह करेंगे कि वह अपने सांप्रदायिक दृष्टिकोण को अपनाना बंद करे और सभी धर्मों के प्रति उचित सम्मान दिखाए।
बता दें कि इससे पहले कतर, कुवैत और ईरान के बाद अब सऊदी अरब ने बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ईशनिंदा वाले बयान पर आपत्ति जताई थी। सऊदी विदेश मंत्रालय ने अपनी आपत्ति और सभी धर्मों के सम्मान की अपील से जुड़ा एक बयान जारी किया है।
सऊदी के शहर जेद्दाह स्थित ओआईसी ने भी बीजेपी प्रवक्ता के बयान की भर्त्सना की है। ईरान में होने वाले टीवी कार्यक्रमों में भी इस मामले की चर्चा और भर्त्सना हो रही है।