पर उपदेश कुशल बहुतेरे। जी, मतलब समझते ही होंगे इसका? नहीं समझते तो हम बता देते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि आप दूसरों को उपदेश देते रहिए और खुद वो काम मत करिए।
अब आइए मूल विषय पर कि हम ऐसा क्यों कह रहें हैं। दरअसल जैविक खेती (Organic Farming) की ट्रेनिंग लेने के लिए राज्य के कृषि मंत्री की अगुवाई में एक दल विदेश दौरे पर निकल रहा है। इस दल में कृषि मंत्री के साथ पांच विधायक और अधिकारियों की पूरी टीम मिलाकर 12 लोग शामिल हैं। ये टीम जर्मनी, स्विट्जरलैंड और इटली के दौरे पर जाएगी। वहां आर्गेनिक खेती के बारे में सीखेगी और फिर उत्तराखंड में आर्गेनिक फार्मिंग सिखाएगी। ये टीम राज्य से मोटे अनाज का निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं को भी तलाश करेगी।
दिलचस्प ये है कि इस दल में बीजेपी के साथ ही कांग्रेस के विधायकों को भी शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के दो विधायक हरीश धामी और मनोज तिवारी भी इस दल में शामिल हैं। इसके साथ ही कृषि विभाग के अधिकारी भी जाएंगे।
हालांकि विदेश दौरे पर जा रहे इस दल के प्रोग्राम को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस दौरे को लेकर सवाल उठाए जा रहें हैं। चूंकि खुद सीएम ने ही हाल में राज्य में फिजूलखर्ची रोकने के निर्देश दिए थे।
वहीं केंद्र सरकार भी मुफ्त में लोगों को आर्गेनिक खेती करने के तरीके बता रही है। इसके लिए बाकायदा पूरी योजना चलाई जा रही है। फिर भी ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि उत्तराखंड के मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को देश में हो रही आर्गेनिक खेती से नजर हटा कर विदेशों में खेती सीखने जाना पड़ रहा है।