पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल अफसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह ने शिरकत की। परेड से पहले ऐतिहासिक चैटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सभी कैडेट्स पंक्तिबद्ध हुए। अंतिम पग पार करने के बाद ये कमिशंड हो गए। परेड के बाद होने वाली पीपिंग सेरेमनी में शामिल होने के बाद इन सभी सैन्य अफसरों के कंधों पर सितारे लग गए। इसके साथ ही ये सभी कैडेट्स अब भारतीय सेना के अफसर के तौर पर सेना की मुख्य धारा में शामिल हो गए।
इंडियन मिलिट्री अकेडमी की पासिंग आउट परेड में अन्य देशों के 89 कैडेट्स भी अकादमी से पास आउट हुए। इनमें आठ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, किर्गिस्तान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, तंजानिया और तजाकिस्तान के कैडेट्स शामिल हैं। ये सभी अब अपने अपने देशों की सेना में शामिल होंगे।
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हालांकि अफगानिस्तान के कैडेट्स का भविष्ट स्पष्ट नहीं है। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद अब वहां राष्ट्रीय सेना खत्म हो चुकी है। लिहाजा अब वहां अफसरों की तैनाती नहीं होती है। अफगानिस्तान को भारत अपना मित्र राष्ट्र मानता रहा है और वहां से कैडेट्स यहां ट्रेनिंग लेते रहें हैं लेकिन इस बार पास आउट हो रहा अफगानिस्तान के कैडेट्स का बैच अंतिम हो सकता है। इस साल अफगानिस्तान से कैडेट्स का कोई भी बैच भारत नहीं आया है।
पासिंग आउट परेड में पास आउट होने वाले 288 भारतीय सैन्य अफसरों में सबसे अधिक कैडेट्स यूपी के हैं। यूपी के 50 कैडेट्स पास आउट हुए हैं। वहीं उत्तराखंड के 33 कैडेट्स पास आउट हुए हैं।