देहरादून: हरिद्वार डीएम सी. रविशंकर ने नारसन चेकपोस्ट पर आरटीओ कर्मचारी अवैध वूसली कर रहे थे। डीएम के पत्र को परिवहन विभाग के अधिकारी पहले दबाए रहे, लेकिन जब मामला परिवहन आयुक्त दीपेंद्र चैधरी के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल चेकपोस्ट पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। वसूली करने वाले दो कर्मचारियों को सीधे परिवहन मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तिमली चेकपोस्ट संबद्ध कर दिया गया है।
हरिद्वार के डीएम सी. रविशंकर ने 30 जनवरी को आदेश जारी किया था कि वसूली में लिप्त सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, लेकिन विभाग ने कोई कारवाई नहीं की। मीडिया में खबरें आने के बाद परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चैधरी ने नारसन चेकपोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। उनकी जगह नए कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती की गई है। चेकपोस्ट पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिलबर सिंह गुसाईं को तिमली चेकपोस्ट से संबद्ध कर दिया गया है।
दो प्रवर्तन पर्यवेक्षक, जिन पर 60 रुपये की पर्ची पर 600 रुपये वसूलने का आरोप था, उनको मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। उनकी जगह मुख्यालय से दो कर्मचारी भेजे गए हैं। इसके अलावा कर अधिकारी-2 के स्तर के दो अधिकारियों, तीन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को चिड़ियापुर चेकपोस्ट पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके स्थान पर चिड़ियापुर चेकपोस्ट के कर्मचारियों को नारसन में तैनाती दी गई है। नारसन में तैनात अन्य प्रवर्तन सिपाहियों, पर्यवेक्षकों को आशारोड़ी, तिमली और कुल्हाल चेकपोस्ट भेज दिया गया है।