अब सदन की कार्यवाही नए संसद में की जाएगी। ऐसे में सभी के मन में यह सवाल है कि आखिर पुरानी संसद का क्या होगा। बता दें कि 18 जनवरी 1927 को पुरानी संसद बिल्डिंग बनकर तैयार हुई थी और 18 सितंबर, 2023 को इसकी विदाई है।
पुरानी संसद भवन की बिल्डिंग 96 साल पुरानी दरअसल, पुरानी संसद भवन की बिल्डिंग 96 साल पुरानी है। इस बिल्डिंग के साथ देशवासियों का भावनात्मक जुड़ाव रहा है। हालांकि अब जगह और सुविधाओं की कमी और टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर के चलते खामियों को देखते हुए सरकार ने नया संसद भवन बनाकर तैयार किया है। 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में तैयार किया गया नया संसद भवन सभी तकनीकी सुविधाओं से लैस है और दोनों सदनों की कैपेलिटी भी बढ़ा दी गई है।
नए भवन में होगी सदन की कार्यवाही
वहीं अब 19 सितंबर से सदन की कार्यवाही नए भवन में की जाएगी। लेकिन पुराने संसद भवन में अभी भी सचिवालय का स्टाफ काम करता रहेगा और कुछ दिनों बाद संबंधित स्टाफ नई बिल्डिंग में शिफ्ट हो जाएगा। बाकी अन्य विभाग पुरानी बिल्डिंग से ही चलेंगे।
संग्रहालय में बदलेगा पुराना संसद भवन
जानकारी सामने आई है कि पुराने संसद भवन को संरक्षित कर रखा जाएगा। क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है। आन वाले दिनों में भवन की मरम्मत का काम पूरा कर इसे संग्रहालय में बदल दिया जाएगा। विजिटर्स इस संग्रहालय में आ सकेंगे और जहां फिलहाल संसद की कार्यवाही होता है, वहां और चैंबर में भी वह बैठ सकेंगे। आने वाले दिनों में एक हिस्से को म्यूजियम बना कर आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। विजिटर्स को अब पुराने भवन के साथ नई संसद को देखने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा संसद भवन से जुड़े कार्यक्रमों के लिए पुराने भवन के सेंट्रल हॉल का उपयोग किया जाता रहेगा।