नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है और ऐसे में सरकार ने टीकाकरण अभियान और तेज कर दिया है। मौजूदा समय में देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का टीका लोगों को दिया जा रहा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने जानकारी दी कि हमारा नया शोध दर्शाता है कि भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन टीका सार्स-कोव 2 के सभी वेरिएंट के खिलाफ असरदार है और प्रभावी रूप से डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को भी बेअसर करता है।
डबल म्यूटेंट वेरिएंट जिम्मेदार
एक मई से देश में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू होने वाला है और उसमें 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगवाने की अनुमति मिल गई है। ऐसे में आईसीएमआर के इस शोध से आशाएं बढ़ गई हैं। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के लिए संभवतः डबल म्यूटेंट वेरिएंट ही जिम्मेदार है। कोरोना के नए वेरिएंट यानी बी.1.617 के बारे में पिछले साल जानकारी दी गई थी। पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहली बार डबल म्यूटेंट की मौजूदगी को स्वीकार किया था। तब से लेकर अबतक ये ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका समेत दस देशों में पाया गया है।
ये है बी.1.617
डबल म्यूटेेंट वेरिएंट को ठ.1.617 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें ई484क्यू और एल452आर दोनों तरह के म्यूटेंट पाए गए हैं। कई देशों में ये वेरिएंट अलग-अलग पाए गए हैं लेकिन भारत में पहली बार दोनों एक साथ पाए गए हैं। दोनों म्यूटेशन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं, जो कोविड 19 से संक्रमित व्यक्तियों की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को आसान बनाते हैं।