उत्तराखंड में फ्रंट लाइन वर्कर्स के तौर पर पिछले एक साल से कोविड की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों और अन्य मीडिया स्टाफ की सेहत के बारे में कुशलक्षेम पूछने की जिम्मेदारी इस बार खुद राज्य के सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान ने ही संभाल रखी है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्य के सूचना महानिदेशक खुद फोन कर पत्रकारों का हालचाल ले रहें हैं और उनकी और उनके परिवार की खैरियत के बारे में पता कर रहें हैं।
हाल ही में सूचना विभाग के जरिए पत्रकारों और उनके परिवार के लोगों के लिए कोविड हेल्पलाइन की शुरुआत भी की गई है। इसके तहत राज्य के सभी जिलों के जिला सूचना अधिकारियों के नंबर जारी किए गए हैं। कोविड से संबंधित किसी भी समस्या के लिए जिला सूचना अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। जिला सूचना अधिकारी उसे निदेशालय स्तर पर भी भेज रहें हैं। इसके साथ ही पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए कोविड के इलाज से संबंधित आवश्यकताओं के लिए मदद भी कर रहें हैं। निदेशालय स्तर पर ये काम विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डा. अनिल चंदोला को दिया गया है।
हालांकि राज्य के सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान खुद ही पत्रकारों की समस्या के समाधान का फीडबैक ले रहें हैं। वो खुद ही मदद मांगने वाले पत्रकारों से फोन कर समस्या के समाधान हो जाने के बारे में फीडबैक ले रहें हैं। तकरीबन पचास पत्रकारों को उन्होंने खुद फोन कर उनका हालचाल लिया और कुशलक्षेम पूछी है। हालांकि इस बीच कई लोगों से फोन पर संपर्क नहीं हो पाया। इनमें से अधिकतर वो पत्रकार हैं जिन्होंने खुद या अपने किसी परिचित के लिए सूचना विभाग की कोविड हेल्पलाइन पर संपर्क किया था। IAS रणवीर सिंह चौहान को तीरथ सरकार बनने के बाद सूचना विभाग में महानिदेशक पद सौंपा गया। रणवीर सिंह चौहान को सूचना विभाग में महानिदेशक पद सौंपने के पीछे मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की कोशिश ये भी थी कि त्रिवेंद्र सरकार में सरकार और मीडिया के बीच पनपी दूरी को कम किया जा सके। मौजूदा वक्त में रणवीर सिंह चौहान इस दूरी को कम करने में कामयाब होते दिख रहें हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर्स मानते हुए सरकार ने पहले वैक्सीनेशन कराने का फैसला लिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर पत्रकारों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई। देहरादून में पत्रकारों के वैक्सीनेशन का जाएजा लेने भी सूचना महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान खुद ही पहुंचे थे।