रूड़की: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को और मजबूत करने के लिए किसान संगठन एकजुट होकर महापंचायत करने का ऐलान कर रहे हैं। आज सोमवार को मंगलौंर के लिब्बरहेड़ी गाँव में हुई किसान बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि आगामी 3 फरवरी को मंगलौंर की गुड़मंडी में जनपद हरिद्वार के किसान महापंचायत करेंगे। जिसको लेकर किसान बैठके कर किसानों को महापंचायत में आने का न्यौता दे रहे है।
जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता पीछे नहीं हटेगा किसान- किसान नेता
आपको बता दे कृषि कानून को लेकर किसान और सरकार के बीच का विवाद खत्म होता नहीं दिखाई दे रहा है। बीती 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में जहां सरकार किसानों को दोषी मान रही है तो वहीं किसान इस हिंसा को सरकार की सोची समझी साज़िश करार दे रहे हैं। आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसान अपने अपने क्षेत्रों में बैठकें कर रणनीति बना रहे हैं। आज मंगलौंर के लिब्बरहेड़ी गाँव मे उत्तराखंड किसान मोर्चा के किसानों ने बैठक कर निर्णय लिया कि आगामी 3 फरवरी को मंगलौंर की गुड़मंडी में किसानों की महापंचायत होगी, जिसमे बड़ी तादाद में किसान पहुचेंगे। किसान नेता गुलशन रोड ने बताया कि सरकार किसानों को बदनाम करने के लिए तमाम तरह के हतकंडे अपना रही है। लेकिन किसान जब तक कानून वापस नहीं लिया जाता पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने बताया जनपद हरिद्वार के किसान 3 फरवरी को मंगलौंर गुड़मंडी में महापंचायत करेंगे।
उत्तराखंड के सैन्य क्षेत्र से सैकड़ों किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना
वहीं बता दें कि उधमसिंह नगर जिले के गदरपुर के धार्मिक स्थल डेरा बाबा भूमणशाह से आज उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के सैकड़ों किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हुए पूर्व सैनिक सतनाम कंबोज ने कहा कि हम लोग सेना में भी 31 वर्ष अपनी सेवा दे चुके हैं और अब किसान आंदोलन चल रहा है तो इसमें हम पूरी तरह से सहभागिता कर रहे हैं वही किसान नेता सुरेश कुमार ने कहा हम लोग किसान आंदोलन से लगातार जुड़े हैं तथा वर्तमान में राकेश टिकट के द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए आज यहां पर शहीद उधम सिंह के वंशज होने के कारण सैकड़ों की संख्या में यहां से युवाओं करवाना कर रहे हैं