लगभग ढाई साल से बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस बजे प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक कर दी। तब तक मुख्तार के परिवार का कोई सदस्य मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा था।
गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे Mukhtar Ansari की जेल में तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और करीब साढ़े आठ बजे के आसपास उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां दो घंटे तक उसका इलाज चला। उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां रात साढ़े दस बजे के आसपास उसकी मौत हो गई।
26 मार्च को हुआ पेट में दर्द
दरअसल, दो दिन पहले 26 मार्च को मुख्तार ने जेल प्रशासन से पेट में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने ज्यादा खाने व कब्ज का इलाज किया और 14 घंटे बाद उसी दिन देर शाम उसे वापस मंडलीय कारागार भेज दिया था। इधर, गुरुवार शाम साढ़े सात बजे के आसपास अचानक मुख्तार की तबीयत बिगड़ने पर प्रशासन ने आनन-फानन उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। मुख्तार के स्थानीय अधिवक्ता नसीम हैदर ने बताया कि मुख्तार को हार्ट अटैक पड़ने की आशंका है। इधर हालात बिगड़ने न पाए, इसके लिए जिले भर की पुलिस फोर्स को अलर्ट कर दिया गया है। जेल के भीतर भी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई।
इस पर डॉक्टरों की टीम ने जांच की और इसके कुछ ही देर बाद एडीएम राजेश कुमार भी उसका हाल जानने कारागार पहुंचे थे। बाद शाम सात बजे के आसपास दोबारा तबीयत खराब होने की शिकायत पर डॉक्टरों के अलावा प्रशासन के अधिकारी भी कारागार पहुंचे और उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचाया।
19 मार्च को खाने में जहर देने का आरोप
वहीं दो दिन पहले जब मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी से उसे भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने पिता की मौत की आशंका जताई थी। जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे। अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई की हत्या का सातवीं बार प्रयास किया गया है। इस बार भी 19 मार्च को उन्हें खाने में जहर दिया गया था।
वहीं बेटे उमर ने भी प्रशासन पर आरोप मढ़ते हुए कहा था कि उसे पिता से मिलना तो दूर शीशे से देखने तक नहीं दिया गया था। उधर, माफिया मुख्तार अंसारी के सारे मामलों की सुनवाई यूपी छोड़कर अन्य राज्य की अदालत में कराने के साथ उसकी जेल की भी बदलने की मांग हुई है। मुख्तार के अधिवक्ता की ओर से हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि उसे दो बार बांदा जेल में दोपहर के खाने में जहर दिया गया। शासन प्रशासन उसकी हत्या कराना चाहता है।
अंतिम नौ दिनों में क्या हुआ?
- 20 मार्च को माफिया मुख्तार अंसारी के वकील ने 19 मार्च को जेल में खाने में जहर देने का आरोप लगाया।
- 24 मार्च को शासन के निर्देश पर लापरवाही के आरोप में जेल के दो डिप्टी जेलर समेत तीन का निलंबन हुआ।
- 25 मार्च की देर रात 3 बजे अचानक मुख्तार के पेट में दर्द उठा।
- 26 मार्च को तड़के 5.30 बजे उसे एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज ले जाया गया।
- 26 मार्च की शाम 6.30 बजे मुख्तार को मेडिकल कॉलेज से वापस मंडलीय कारागार भेज दिया गया।
- 27 मार्च को परिजनों ने एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर हत्या की साजिश का आरोप लगाया।
- 27 मार्च की शाम को बांदा एमपी-एमएलए कोर्ट जेल प्रशासन से मुख्तार की सेहत की रिपोर्ट तलब की।
- 28 मार्च की दोपहर 2.30 बजे के आसपास मुख्तार को फिर से तकलीफ हुई। इस पर करीब 3.30 बजे डॉक्टरों की टीम ने उसका चेकअप किया।
- 28 मार्च की शाम 5 बजे एडीएम राजेश कुमार ने जेल पहुंचकर मुख्तार के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली।
- 28 मार्च की शाम 7.30 बजे डीएम और एसपी भी काफिले के साथ जेल पहुंचे।
- रात 8.15 बजे एंबुलेंस मंगाकर मुख्तार को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया।
- 8.30 बजे मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का आईसीयू में इलाज शुरु किया गया।
- 9.20 बजे उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया।
- देर रात 10.30 बजे प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना को सार्वजनिक किया।
- देर रात 11 बजे कमिश्नर और डीआईजी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
- देर रात 12.30 बजे शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।