नौकरी से निकाले जाने पर युवक इतना खफा हो गया कि पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर हंगामा करने लगा। इस दौरान दून मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी ने फेसबुक लाइव आकर अस्पताल प्रशासन समेत शासन पर कई आरोप लगाए। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। किसी तरह पुलिस ने कर्मचारी को समझा बुझाकर टंकी से नीचे उतारा।
सरकार पर लगाए भेदभाव का आरोप
घटना मंगलवार की बताई जा रही है। युवक की पहचान गोविंद प्रसाद निवासी पिथौरागढ़ के रूप में हुई है। युवक ने लाइव आकर कहा कि मेरी मौत का जिम्मेदार दून मेडिकल कॉलेज होगा। युवक ने बताया कि वो दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साइकेट्रिक विभाग में सोशल वर्कर के पद पर संविदा में 2016 से 2022 तक कार्यरत था। उस दौरान तीन साल के लिए एग्रीमेंट हुआ था।
एग्रीमेंट में कहा गया था कि तीन साल में नियमित भर्ती होने तक काम करना होगा। लेकिन उसने वाहन पर छह साल काम किया इसके लिए कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ था। जब नियमित भर्ती की परीक्षा हुई तो उसे परीक्षा देने का मौका नहीं दिया गया और अयोग्य घोषित करते हुए बाहर कर दिया। जबकि उसके साथ के ही अन्य कर्मचारियों को फेल होने के बाद भी दूसरे पद पर भर्ती कर दी गई।
कर्मचारी पर लगाए घर खाली न करने का आरोप
हालंकि मामले को लेकर दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड की ओर से भर्ती निकाली गई थी। इसमें कुछ कर्मचारियों को नौकरी मिल गई और कुछ का चयन नहीं हो पाया। सयाना ने बताया कि नौकरी ख़त्म होने के बाद भी युवक घर खाली नहीं कर रहा था। जिसके बाद हमे पुलिस की मदद लेनी पड़ी