रेप के आरोप में 17 महीने से जेल में बंद युवक को डीएनए रिपोर्ट आने के बाद जमानत दे दी गई। आप भी ये पढ़कर हैरान हो गए होंगे कि जब आरोपी बलात्कार की सजा काट रहा था तो डीएनए रिपोर्ट में ऐसा क्या था जिस कारण उसे जमानत मिली। दरअसल मामला महाराष्ट्र का है जहां 25 साल के एक युवक पर पड़ोस में रहने वाली लड़की से बालात्कार करने का आरोप था। लड़की न तो बोल सकती थी और सुन ही सकती थी। युवक रेस्त्रां में काम करता था। युवक पर लड़की का बालात्कर करने औऱ उसे गर्भवती करने का आरोप था। लेकिन, जब लड़की के गर्भ पल रहे बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया तो हैरान कर देने वाली रिपोर्ट आई। DNA रिपोर्ट में पता चला कि वो व्यक्ति बच्चे का पिता नहीं था। युवक ने 17 महीने जेल में काटे और डीएनए रिपोर्ट आने पर उसे जमानत दे दी।
रिपोर्ट और दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि योग्यता के आधार पर मामले को तय करने में समय लगेगा डीएनए रिपोर्ट को देखते हुए, उसकी पार्थना को अनुमति देने की जरूरत है।
क्या है पूरा मामला?
एक विशेष स्कूल में पढ़ने वाली, जो न बोल सकती है और जो न सुन सकती है। उसने पेट दर्द की शिकायत की. जुलाई 2019 में जब वह स्कूल में थीं तब उसने पेट दर्द की शिकायत की। परिवार लड़की को अस्पताल ले गया। वहां पता चला कि लड़की गर्भवती है। लड़की ने बताया कि उसके पड़ोसी ने उसके साथ दो बार बलात्कार किया। इसके बाद मुंबई पुलिस ने मामले की जांच की और चार्जशीट दायर की। आरोपी ने अपनी जमानत के लिए याचिका दायर की थी लेकिन उसे खारिज कर दिया गया क्योंकि मामले की जांच तब भी चल रही थी। डीएनए की रिपोर्ट आऩे के बाद आरोपी ने एक और अर्जी दी जिसमें कहा गया कि उसे झूठे आरोप में फंसाया गया है।
अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि अगर आरोपी को जमानत दी जाती है, तो ऐसी संभावना थी कि आरोपी अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करेगा। लेकिन कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के नतीजे को देखने के बाद लड़के को जमानत दे दी। क्योंकि रिपोर्ट में बच्चे के डीएनए उससे नहीं मिले।