
उत्तराखंड सरकार के बजट को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धोखेबाज बजट बताया है। हरीश रावत ने कहा है कि जिस सरकार ने अपना पिछला बजट ही खर्च नहीं किया उसकी बजट राशि कितनी है इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है।
मंगलवार को धामी सरकार का पहला आम बजट पेश होने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया लिखी है। हरीश रावत ने लिखा है कि, उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने पहले ही बजट में सिद्ध कर दिया है कि उनके आगे के बजट भी इसी बजट की तरह धोखेबाज बजट होंगे।
हरीश रावत ने कहा है कि जिस सरकार ने अपने पिछले बजट को ही खर्च न किया हो उसकी बजट की राशि कितनी है और किस क्षेत्र में है, ये महत्वपूर्ण नहीं रह जाता है। हरीश रावत ने लिखा है कि, इस सरकार में पैसा खर्च करने का हौसला ही नहीं है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बजट को काल्पनिक, केंद्रीय सहायता आधारित या बाह्य वित्त पोषित योजनाओं के भरोसा बनाया हुआ बताया है। हरीश रावत ने पूछा है कि जिला योजनाओं का स्वरूप क्या होगा? क्या वह पहले के तरीके से घटती जाएंगी?
हरीश रावत ने रोजगार को लेकर भी धामी सरकार के बजट पर निशाना साधा है। हरीश रावत ने कहा है कि, रोजगार मूलक क्षेत्र लगभग अछूता है, बेरोजगारी भत्ते पर सरकार ने चुप्पी साधी है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने बजट में गैरसैं-भराड़ीसैंण की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस सरकार के लिए गैरसैंण, गैर ही बना रहेगा, यह भी इस बजट से साफ हो गया है। इनके पूर्व मुख्यमंत्री ने 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की बात कही थी भराड़ीसैंण के लिए उस विषय में वित्त मंत्री ने पूरी तरीके से आंख, कान और दिल, तीनों बंद करके रखे हैं।